Aaj Ka Panchang 8 July 2025 Mangalvar: आज है प्रदोष व्रत और हनुमान पूजा का महासंयोग! जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल

Aaj Ka Panchang 8 July 2025 Mangalvar: हर दिन की शुरुआत के साथ, हमारी संस्कृति में पंचांग का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले पंचांग देखना एक परंपरा रही है। चाहे वह विवाह हो, गृह प्रवेश हो, या कोई नया व्यवसाय शुरू करना हो, शुभ मुहूर्त का चयन कार्य की सफलता को सुनिश्चित करता है।
8 जुलाई 2025, मंगलवार (Mangalvar) का यह पंचांग आपके लिए दिन के शुभ और अशुभ समय, तिथि, नक्षत्र, योग, और करण की जानकारी लेकर आया है। आइए, इस दिन के खगोलीय और ज्योतिषीय पहलुओं को विस्तार से जानते हैं, ताकि आप अपने कार्यों की योजना सही समय पर बना सकें।
पंचांग का महत्व और उसका आधार
पंचांग ज्योतिष शास्त्र का एक अभिन्न अंग है, जो पांच प्रमुख तत्वों—तिथि, वार, नक्षत्र, योग, और करण—पर आधारित होता है। यह न केवल दिन के शुभ और अशुभ समय को निर्धारित करता है, बल्कि ग्रहों की चाल और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर हमें जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मार्गदर्शन भी देता है।
8 जुलाई 2025, मंगलवार (Mangalvar) को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जो इस दिन की खासियत को और बढ़ाती है। यह दिन मंगल ग्रह के प्रभाव में रहता है, जो साहस, ऊर्जा, और नेतृत्व का प्रतीक माना जाता है। मंगलवार को हनुमानजी की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है, क्योंकि यह मंगल दोष को शांत करने और जीवन में सुख-शांति लाने में सहायक होता है।
8 जुलाई 2025 का पंचांग: तिथि और नक्षत्र
8 जुलाई 2025 को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि प्रातः 6:32 बजे तक रहेगी, जिसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू होगी। इस दिन का नक्षत्र विशाखा होगा, जो रात 9:45 बजे तक रहेगा, और इसके बाद अनुराधा नक्षत्र शुरू होगा। विशाखा नक्षत्र को महत्वाकांक्षी और सृजनात्मक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है, जो व्यापारियों और रचनात्मक व्यक्तियों के लिए विशेष लाभकारी हो सकता है।
योग की बात करें तो, इस दिन साध्य योग प्रातः 8:15 बजे तक रहेगा, जिसके बाद शुभ योग शुरू होगा। करण में बव और बालव की स्थिति रहेगी, जो दिन के विभिन्न कार्यों के लिए अनुकूल मानी जाती है।
शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का चयन कार्य की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। 8 जुलाई 2025, मंगलवार (Mangalvar) को कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं, जो विभिन्न कार्यों के लिए उपयुक्त हैं। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:09 बजे से 4:50 बजे तक रहेगा, जो ध्यान, योग, और आध्यात्मिक कार्यों के लिए सर्वोत्तम समय है।
इसके बाद प्रातः संध्या 4:29 बजे से 5:30 बजे तक रहेगी। अभिजीत मुहूर्त, जो दिन का सबसे शुभ समय माना जाता है, दोपहर 12:00 बजे से 12:55 बजे तक रहेगा। यह समय नए व्यवसाय की शुरुआत, महत्वपूर्ण सौदों, या शुभ कार्यों के लिए आदर्श है। शाम को गोधूलि मुहूर्त 7:20 बजे से 7:41 बजे तक रहेगा, जो विवाह या गृह प्रवेश जैसे कार्यों के लिए अनुकूल है।
अशुभ समय
हर दिन की तरह, 8 जुलाई 2025 को भी कुछ समय अशुभ माने जाते हैं, जिनमें महत्वपूर्ण कार्यों से बचना चाहिए। इस दिन राहुकाल दोपहर 3:54 बजे से 5:38 बजे तक रहेगा। राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य, जैसे विवाह, मुंडन, या नया व्यवसाय शुरू करना, वर्जित माना जाता है। इसके अलावा, इस दिन दिशाशूल उत्तर दिशा में रहेगा, इसलिए उत्तर दिशा में यात्रा करने से बचें। यदि यात्रा आवश्यक हो, तो पंचांग के अनुसार कुछ विशेष उपाय, जैसे हनुमान चालीसा का पाठ, करने से नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं।
सूर्योदय, सूर्यास्त, और अन्य खगोलीय जानकारी
8 जुलाई 2025 को सूर्योदय सुबह 5:29 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 7:22 बजे होगा। चंद्रोदय दोपहर 2:45 बजे और चंद्रास्त रात 1:10 बजे होगा। ये समय पूजा, व्रत, और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस दिन चंद्रमा तुला राशि में रहेगा, जो संतुलन और सामंजस्य का प्रतीक है। यह स्थिति व्यापारिक सौदों और रिश्तों में सामंजस्य स्थापित करने के लिए अनुकूल मानी जाती है।
मंगलवार और हनुमानजी की पूजा
मंगलवार (Mangalvar) का दिन हनुमानजी को समर्पित होता है। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ, सुंदरकांड का आयोजन, या हनुमान मंदिर में दर्शन करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगलवार को हनुमानजी की पूजा से मंगल दोष, कर्ज, और शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है। 8 जुलाई 2025 को हनुमानजी की पूजा के लिए सुबह 5:29 बजे से 6:32 बजे तक का समय विशेष रूप से शुभ है। इस दौरान हनुमान मंदिर में जाकर तिल के तेल का दीपक जलाएं और लाल चंदन की माला से मंत्र जाप करें।
विशेष व्रत और उत्सव
8 जुलाई 2025 को कोई बड़ा व्रत या त्योहार नहीं है, लेकिन त्रयोदशी तिथि के कारण कुछ लोग प्रदोष व्रत का पालन कर सकते हैं। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और इसे सायंकाल में किया जाता है। इस दिन शिव मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी हो सकता है। इसके अलावा, इस दिन कुछ क्षेत्रों में स्थानीय उत्सव या पूजा-अर्चना का आयोजन भी हो सकता है, जो समुदाय विशेष की परंपराओं पर निर्भर करता है।