अब लोन लेना हुआ और सस्ता! इन 3 सरकारी बैंकों ने घटाई ब्याज दरें, जानिए नया रेट

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हालिया फैसले ने देश भर के कर्ज लेने वालों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। रेपो दर में 0.5% की कटौती के बाद, तीन बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक - Union Bank Of India, Canara Bank, और Indian Overseas Bank (IOB) - ने भी अपने ऋणों पर ब्याज दरें कम करने का ऐलान किया है।
यह कदम न केवल आम लोगों के लिए सस्ते कर्ज का रास्ता खोलता है, बल्कि छोटे और मध्यम उद्यमों (MSME) को भी नई उड़ान दे सकता है। आइए, इस खबर को विस्तार से समझें और जानें कि यह आपके लिए क्या मायने रखती है।
Union Bank Of India ने दिखाई ग्राहकों के प्रति प्रतिबद्धता
Union Bank Of India ने रेपो दर में कमी के बाद तुरंत कदम उठाते हुए अपनी ब्याज दरों में 0.5% की कटौती की है। बैंक ने अपने External Benchmark Lending Rate (EBLR) और Repo Linked Lending Rate (RLLR) को संशोधित किया है। इस बदलाव का मतलब है कि अब होम लोन, कार लोन, या पर्सनल लोन लेने वालों को कम ब्याज देना होगा।
चाहे आप नया घर खरीदने का सपना देख रहे हों या अपने बिजनेस को बढ़ाने की योजना बना रहे हों, यह आपके लिए सुनहरा अवसर हो सकता है।
Canara Bank ने भी रखा ग्राहकों का ख्याल
Canara Bank ने भी इस दौड़ में पीछे नहीं रहने का फैसला किया। बैंक ने अपनी रेपो आधारित ब्याज दर को 8.75% से घटाकर 8.25% कर दिया है। यह नई दर बुधवार से लागू हो चुकी है। इस कटौती से उन लोगों को राहत मिलेगी जो पहले से लोन चुका रहे हैं या नए कर्ज की तलाश में हैं। Canara Bank का यह कदम न केवल ग्राहकों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था को गति देने में भी मदद करेगा।
Indian Overseas Bank (IOB) ने दिया सस्ते कर्ज का तोहफा
Indian Overseas Bank (IOB) ने भी अपने ग्राहकों को खुशखबरी दी है। बैंक की संपत्ति-देयता प्रबंधन समिति (ALCO) ने रेपो आधारित ब्याज दर को 8.85% से घटाकर 8.35% करने का फैसला लिया। यह नई दर भी बुधवार से लागू हो गई है। IOB का यह निर्णय उन लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है जो घर, गाड़ी, या बिजनेस के लिए कर्ज लेने की सोच रहे हैं।
सस्ते कर्ज से मिलेगी अर्थव्यवस्था को रफ्तार
इन बैंकों के इस कदम से रेपो आधारित कर्ज अब पहले से कहीं ज्यादा किफायती हो गए हैं। चाहे बात होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन, या MSME सेक्टर के कर्ज की हो, हर कोई इस कमी का फायदा उठा सकता है। खास तौर पर छोटे और मध्यम उद्यमी, जो आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह एक बड़ा सहारा है। सस्ते कर्ज से न केवल व्यक्तिगत सपने पूरे होंगे, बल्कि कारोबार को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है।
RBI का बड़ा फैसला - रेपो दर और CRR में कटौती
इस सबके पीछे भारतीय रिजर्व बैंक का वह ऐतिहासिक फैसला है, जिसने रेपो दर को 0.5% घटाकर 5.5% और नकद आरक्षित अनुपात (CRR) को 1% कम करके 3% कर दिया। RBI का यह कदम आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और कर्ज को सस्ता करने की दिशा में उठाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे बाजार में नकदी बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ता खर्च और निवेश को बल मिलेगा। यह निर्णय पिछले सप्ताह लिया गया और अब इसके सकारात्मक प्रभाव दिखने शुरू हो गए हैं।