PM Kisan Yojana: ई-केवाईसी से खुली पोल! ये किसान निकले फर्जी, सरकार भेज रही नोटिस

PM Kisan Yojana: देश में केंद्र और राज्य सरकारें किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएँ चला रही हैं, जिनमें पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) सबसे चर्चित है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल ₹6000 की आर्थिक मदद दी जाती है।
लेकिन अब सरकार ने इस योजना को और पारदर्शी बनाने के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया शुरू की है। इसके जरिए उन लोगों की पहचान की जा रही है, जो गलत तरीके से इस योजना का लाभ उठा रहे थे। उत्तराखंड के चमोली जिले में इस प्रक्रिया के बाद कई अपात्र किसानों का पता चला है, जो अब तक इस योजना से लाभ ले रहे थे।
चमोली में अपात्र किसानों पर कार्रवाई
मोदी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना में समय-समय पर कई बदलाव किए हैं, ताकि यह योजना और प्रभावी हो सके। इन बदलावों से पात्र किसानों को लाभ लेना आसान हुआ है, लेकिन साथ ही फर्जी तरीके से शामिल हुए लोगों पर भी नकेल कसी जा रही है।
चमोली जिले में हाल ही में 162 ऐसे किसानों को चिन्हित किया गया है, जो अपात्र थे। अब इनसे 17 लाख 68 हजार रुपये की राशि वापस लेने के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं। सरकार का मकसद है कि इस योजना का लाभ सिर्फ सही हकदारों को मिले।
ई-केवाईसी से कैसे हो रही है पहचान?
पीएम किसान सम्मान निधि योजना में अब ई-केवाईसी और आधार लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस प्रक्रिया से अपात्र लोगों की पहचान आसान हो गई है। अगर किसी का आधार डेटा योजना के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाता, तो उनका नाम अपने आप अपात्रों की सूची में शामिल हो जाता है।
इस तकनीकी प्रक्रिया ने सरकार का काम आसान कर दिया है, क्योंकि अब मैन्युअल जांच की जरूरत कम पड़ती है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि योजना का दुरुपयोग भी रुक रहा है।
नोटिस के जरिए रिकवरी की तैयारी
चमोली जिले में जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी की अध्यक्षता में हाल ही में एक बैठक हुई, जिसमें पीएम किसान सम्मान निधि योजना की समीक्षा की गई। इस दौरान सामने आया कि ई-केवाईसी प्रक्रिया के बाद जिले में 162 अपात्र किसानों की पहचान हुई है। अधिकारियों ने इन किसानों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही, कृषि विभाग ने इन अपात्र किसानों को दी गई 17 लाख 68 हजार रुपये की राशि वापस करने के लिए नोटिस जारी किए हैं। विभाग अब इस राशि की रिकवरी के लिए पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है।