देश के खजाने में बंपर बढ़ोतरी! सिर्फ 80 दिन में टैक्स से आया 5.45 लाख करोड़ रुपए

भारत की अर्थव्यवस्था में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Direct Tax Collection) ने एक बार फिर अपनी मजबूती का परचम लहराया है। वित्त वर्ष 2025-26 के शुरुआती 80 दिनों में डायरेक्ट टैक्स संग्रह में शानदार वृद्धि देखने को मिली है, जो देश के खजाने को और मजबूत कर रही है।
सरकार द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक, कॉरपोरेट टैक्स, नॉन-कॉरपोरेट टैक्स और अन्य करों के संग्रह में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। इसके साथ ही, टैक्स रिफंड और एडवांस टैक्स में भी जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आइए, इन आंकड़ों की गहराई में उतरकर समझते हैं कि कैसे Direct Tax Collection देश की आर्थिक सेहत को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।
डायरेक्ट टैक्स में 4.86% की शानदार बढ़ोतरी
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 19 जून तक के आंकड़े बताते हैं कि भारत का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Direct Tax Collection) 5.45 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 5.19 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 4.86% अधिक है। इस वृद्धि में कॉरपोरेट टैक्स, नॉन-कॉरपोरेट टैक्स, और सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) जैसे विभिन्न स्रोतों का योगदान रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार की पारदर्शी नीतियां और टैक्सपेयर्स के लिए बेहतर सेवाएं इस उछाल का प्रमुख कारण हैं। हालांकि, टैक्स रिफंड में भारी बढ़ोतरी के कारण शुद्ध टैक्स संग्रह में मामूली कमी देखी गई है, जो 4.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर 4.58 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
टैक्स रिफंड में 58% से अधिक की वृद्धि
टैक्स रिफंड (Tax Refund) के मामले में सरकार ने इस साल कमाल कर दिखाया है। आंकड़ों के अनुसार, रिफंड में 58.04% की शानदार वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष के 54,661 करोड़ रुपये से बढ़कर 86,385 करोड़ रुपये हो गई है। यह उछाल तेज और कुशल प्रोसेसिंग सिस्टम के साथ-साथ करदाताओं के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
बेहतर टेक्नोलॉजी और डिजिटल सेवाओं ने टैक्स रिफंड की प्रक्रिया को न केवल तेज किया है, बल्कि इसे और पारदर्शी भी बनाया है। इस वजह से करदाताओं का भरोसा सरकार पर और बढ़ा है, जिसका असर Direct Tax Collection के आंकड़ों में साफ दिखाई देता है।
एडवांस टैक्स ने भी दिखाया दम
एडवांस टैक्स (Advance Tax) के मोर्चे पर भी सरकार को अच्छी खबर मिली है। इस साल एडवांस टैक्स कलेक्शन में 3.87% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसका कुल आंकड़ा 1.55 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। खास तौर पर कॉरपोरेट एडवांस टैक्स में 6% की बढ़ोतरी देखी गई, जो 1.21 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
हालांकि, नॉन-कॉरपोरेट एडवांस टैक्स में 2.68% की मामूली कमी आई और यह 33,928 करोड़ रुपये रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि कॉरपोरेट सेक्टर की मजबूती और सरकार की टैक्स नीतियों ने इस क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाए हैं।
करदाताओं के लिए बेहतर सेवाएं, मजबूत खजाना
Direct Tax Collection में इस वृद्धि का श्रेय सरकार की उन नीतियों को जाता है, जो करदाताओं को सहूलियत देने के साथ-साथ टैक्स सिस्टम को और पारदर्शी बनाती हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और तेज रिफंड प्रोसेसिंग ने न केवल करदाताओं का समय बचाया है, बल्कि उनके विश्वास को भी बढ़ाया है।
यह सब देश की आर्थिक प्रगति और सरकार के मजबूत वित्तीय प्रबंधन का प्रतीक है। आने वाले समय में Direct Tax Collection के और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है, जो भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर और मजबूत करेगा।