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CIBIL Score : सिबिल स्कोर बढ़ाने के 5 आसान तरीके, जानें कैसे करें सुधार

Credit Score : अगर आप पहले कोई लोन लेते हैं तो लोन को लेने के लिए आपकी लोन हिस्ट्री (cibil score par repayment history ka asar) चैक की जाती है। बैंकों द्वारा इस जानकारी को लोन देने से पहले या फिर क्रेडिट कार्ड (Credit card ka shi use) देने से पहले दिया जाता है। 
CIBIL Score : सिबिल स्कोर बढ़ाने के 5 आसान तरीके,  जानें कैसे करें सुधार
CIBIL Score : सिबिल स्कोर बढ़ाने के 5 आसान तरीके,  जानें कैसे करें सुधार

How To Improve Cibil score : अगर आप किसी बैंक से लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं तो आपके लिए कुछ फैक्टर काफी इंपोरटेंस रखते हैं। अगर आप इन बातों पर ध्यान नहीं देते हैं तो आपको लोन लेने में परेशानी हो सकती है। वहीं कई बार तो बैंक आपका लोन भी कैंसिल कर देता है।

नया क्रेडिट या लोन (CIBIL score kyu kharab hota hai) लेने के अलावा भी अगर आपके ऊपर कोई पुराना लोन बाकी भी है तो भी आपके लिए इन बातों को जानना काफी ज्यादा जरूरी है। अगर आप इन चीजों को अनदेखा करते हैं तो आपके लिए बड़ी परेशानी हो सकती है। 

जानिये क्या होती है रीपेमेंट हिस्‍ट्री

अगर आप पहले कोई लोन लेते हैं तो लोन को लेने के लिए आपकी लोन हिस्ट्री (cibil score par repayment history ka asar) चैक की जाती है। बैंकों द्वारा इस जानकारी को लोन देने से पहले या फिर क्रेडिट कार्ड (Credit card ka shi use) देने से पहले दिया जाता है। रीपेमेंट हिस्‍ट्री आपके लोन में एक अहम रोल निभाती है।

रीपेमेंट हिस्‍ट्री में इस बात का जिर्क होता है कि अपने लोन को समय पर पे किया है या नहीं। सिबिल स्‍कोर (cibil score kaise sudhare) के मामले में भी आपकी रीपेमेंट का काफी महत्वपूर्ण योग्यदान है। इसी से सिबिल स्कोर तय होता है। 

क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्‍यो के हिसाब से करें क्रेडिट का यूज

क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्‍यो (credit utilization ratio kya hota hai) वो जानकारी होती है जिसके मुताबिक इस बात का पता लगाया जाता है कि आपने लोन की कीतनी राशि का यूज किया है। आप जिस हिसाब से अपनी क्रेडिट का यूज करते हैं उसी हिसाब से आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो तय किया जाता है। 

क्रेडिट की इतनी राशि यूज करना रहता है सही

अगर आप क्रेडिट कार्ड (Credit card) का यूज करते हैं तो कोशिश करें की आप उसकी बकाया जितनी भी लिमिट है तो आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप सिर्फ उसकी 30 प्रतिशत राशि ही यूज करें। वहीं ज्यादा क्रेडिट कार्ड का यूज करने से भी आपको बचना चाहिए। अगर आप ज्यादा क्रेडिट कार्ड का यूज करते हैं तो इससे क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्‍यो (credit utilization ratio)ज्यादा हो जाता है। 

क्रेडिट मिक्स में दी होती है ये जानकारी

क्रेडिट मिक्स (credit mix ka matlab) वो जानकारी होती है जिसके हिसाब से आपके अनसिक्‍योर्ड लोन और सिक्‍योर्ड लोन पता लगाया जा सकता है। मान लिजिये की अगर आपने किसी बैंक से पहले अन-सिक्योर्ड लोन लिया है। अन-सिक्योर्ड लोन में पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड इत्यादी को शामिल किया जाता है। क्रेडिट मिक्स इस बात को दर्शाता है कि आपके पास फंड की कमी है और क्रेडिट पर आपकी कितनी ज्यादा निर्भरता है।

इससे आपके सिबिल स्‍कोर पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। वहीं अगर आप जरूरत पड़ने पर सिक्‍योर्ड और अनसिक्‍योर्ड दोनों तरह के लोन लेते रहे हैं, और सभी का भुगतान समय पर किया है, तो ये दिखाता है कि आप हर तरह के लोन को मैनेज करने में काबिल हैं। जिसकी वजह से बैंक आपको काफी आसानी से लोन दे देता है। 

क्रेडिट हिस्‍ट्री का लोन पर पड़ता है प्रभाव

अगर आप पहली बार लोन ले रहे हैं या फिर क्रेडिट कार्ड ले रहे हैं तो इससे आपकी क्रेडिट हिस्‍ट्री बननी शुरू हो जाती है। क्रेडिट हिस्ट्री का सिबिल स्‍कोर (How to improve CIBIL score) को तैयार करने में काफी अहम रोल होता है।

आपकी क्रेडिट हिस्‍ट्री कितनी पुरानी है और आपने पहले भी लोन लेने के बाद या क्रेडिट कार्ड के यूज करने के बाद लोन का समय से भुगतान किया है या नहीं, ये सभी जानकारी चीजें क्रेडिट हिस्ट्री में दी जाती है। इस क्रेडिट हिस्‍ट्री (credit history kya hoti hai) का असर आपके सिबिल स्‍कोर पर भी पड़ता है।

इनका भी होता है बड़ा रोल

अगर आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में अंदर गलत जानकारी को देते हैं और आपने पहले कभी लोन सेटलमेंट नहीं किया है तो आपको लोन के लिए गारंटर (Loan guarantor koan hota hai) की जरूरत होती है। अगर आपसे इसका भुगतान नहीं हो पा रहा है तो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट खराब हो सकती है। इन सभी का चीजों का प्रभाव आपके सिबिल स्कोर पर काफी ज्यादा होता है। वहीं इसकी वजह से आपका सिबिल स्‍कोर भी खराब (cibil score) हो सकता है।

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