सब्जियों के बाद अंडे पर भी महंगाई का प्रहार, कीमतें 25% तक बढ़ी
Egg Price Hike : पिछले दिनों सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के कारण अक्टूबर में महंगाई दर 6 प्रतिशत से बढ़ गई। हालांकि, सर्दियों में सब्जियों की आवक बढ़ने से कीमतों में कमी की संभावना है। सर्दियों के मौसम में मांग बढ़ने और बांग्लादेश जैसे देशों को निर्यात बढ़ने से कोलकाता समेत देशभर में अंडों की कीमतों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
कोलकाता में अंडों का मूल्य साढ़े छह रुपये से बढ़कर आठ रुपये पहुंच गया है। देश के अन्य हिस्सों में भी अंडों के दाम 7 से 8 रुपये के बीच बिक रहे हैं। इस स्थिति से उपभोक्ताओं पर प्रभावित हो रहा है।
बांग्लादेश और मलेशिया से 5 करोड़ अंडे के निर्यात का ऑर्डर
एक पॉल्ट्री उद्योग निकाय ने कहा है कि अंडा कीमतों में तेजी का मुख्य कारण बांग्लादेश को निर्यात नहीं है, क्योंकि यह पारंपरिक बाजार नहीं है। पश्चिम बंगाल पॉल्ट्री फेडरेशन ने सर्दियों की मांग, मुर्गीदाने की बढ़ती लागत और बांग्लादेश एवं मलेशिया जैसे नए बाजारों के लिए बढ़ते निर्यात को जिम्मेदार ठहराया है।
नवंबर और दिसंबर में बांग्लादेश और मलेशिया से लगभग पांच करोड़ अंडे का निर्यात ऑर्डर प्राप्त हुआ है, जिससे कीमतों में इजाफा होता दिख रहा है।
अंडे का थोक में रेट 6.7 रुपये
फेडरेशन के महासचिव मदन मोहन मैती ने बताया कि अंडे की कीमतें केवल पश्चिम बंगाल नहीं, बल्कि पूरे देश में बढ़ी हैं। खुदरा मूल्य 7.5 रुपये प्रति अंडा से अधिक नहीं होना चाहिए, जबकि थोक दर 6.7 रुपये है। इस समय अंडों की कोई कमी नहीं है। व्यापारी बताते हैं कि सर्दियों में कीमतें बढ़ती हैं, लेकिन इस बार उछाल तेज है।
मैती ने बताया कि इसका मुख्य कारण मक्का की कमी है, जिससे उत्पादन बढ़ाने या मुफ्त आयात की अनुमति की जरूरत है।
मैती ने बताया कि निर्यात बढ़ने का एक कारण है, क्योंकि मलेशिया और बांग्लादेश ने नवंबर-दिसंबर के लिए पांच करोड़ अंडे का ऑर्डर दिया है। हालांकि, अबतक दो करोड़ से अधिक अंडे निर्यात नहीं किए गए हैं। बांग्लादेश सरकार ने घरेलू मूल्य को नियंत्रण में रखने के लिए भारत से अंडे आयात करने की योजना बनाई है।
अंडे मुख्य रूप से बंगाल से पेट्रापोल-बेनापोल सीमा के जरिए निर्यात किए जाते हैं, लेकिन अधिकतर अंडे दूसरे राज्यों से आते हैं।