2025 में अब सस्ती हो जाएंगी आपकी किश्तें! RBI ने फिर घटाया रेपो रेट

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मोनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 0.50% घटाकर 5.5% कर दिया, जो 2025 में तीसरी बार रेपो रेट कटौती है। इससे होम लोन, कार लोन और अन्य कर्जों की EMI सस्ती होने की उम्मीद है। 
 2025 में अब सस्ती हो जाएंगी आपकी किश्तें! RBI ने फिर घटाया रेपो रेट

RBI Repo Rate : भारत की अर्थव्यवस्था को गति देने और आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा फैसला लिया है। हाल ही में मोनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 0.50% घटाकर 5.5% कर दिया गया। यह 2025 में लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती है, जो मानसून सीजन से पहले की गई है।

इस फैसले से होम लोन, कार लोन और अन्य कर्जों की EMI कम होने की उम्मीद है, जिससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी। RBI के गवर्नर Sanjay Malhotra ने बताया कि यह कदम देश में महंगाई को नियंत्रित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।

रेपो रेट में कमी: क्या है इसका मतलब?

रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। जब रेपो रेट कम होता है, तो बैंकों की उधारी लागत घटती है, जिसका फायदा ग्राहकों को सस्ते लोन और कम EMI के रूप में मिलता है। RBI के नियमों के अनुसार, सभी रिटेल लोन की ब्याज दरें रेपो रेट से जुड़ी होती हैं।

इस बार की कटौती से पहले फरवरी और अप्रैल 2025 में भी रेपो रेट को 0.25%-0.25% कम किया गया था, जिससे यह 6.50% से 6% तक पहुंचा था। अब 5.5% के रेपो रेट से बैंकों पर ब्याज दरें कम करने का दबाव बढ़ेगा, जिससे लोन सस्ते होंगे।

अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल, महंगाई रहेगी काबू में

RBI गवर्नर Sanjay Malhotra ने कहा कि देश में महंगाई का स्तर 4% से नीचे स्थिर है, और GDP ग्रोथ भी मजबूत स्थिति में है। वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बावजूद भारत में राजनीतिक स्थिरता और विदेशी निवेश (FDI) की निरंतरता ने अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है।

रेपो रेट में कटौती से बाजार में नकदी बढ़ेगी, जिससे खपत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। RBI ने 2025-26 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान को 6.5% पर बरकरार रखा है और रिटेल महंगाई अनुमान को 3.7% तक घटा दिया है। यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आम आदमी को क्या होगा फायदा?

रेपो रेट में कमी का सबसे बड़ा फायदा आम आदमी को होगा। सस्ते लोन के कारण होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन की ब्याज दरें कम हो सकती हैं। इससे EMI का बोझ हल्का होगा और लोगों की बचत बढ़ेगी। खासकर मध्यम वर्ग और छोटे व्यवसायियों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी। साथ ही, बाजार में बढ़ती खपत से डोमेस्टिक ग्रोथ को भी बल मिलेगा, जो वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भारत को और मजबूत बनाएगा।

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