Liquor Price Hike : इस राज्य में शराब हुई 40% महंगी, लेकिन बियर और वाइन मिलेंगी सस्ती

Liquor Price Hike : महाराष्ट्र सरकार ने शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर उपभोक्ताओं और शराब उद्योग को चौंका दिया है, लेकिन बियर और वाइन को इस टैक्स वृद्धि से छूट देकर राहत दी है। इस फैसले से Sula Vineyards Limited और GM Breweries Limited के शेयरों में 13-20% की तेजी देखी गई, जबकि विदेशी और देसी शराब की कीमतों में 40% तक की वृद्धि होगी। 
Liquor Price Hike : इस राज्य में शराब हुई 40% महंगी, लेकिन बियर और वाइन मिलेंगी सस्ती 

Liquor Price Hike : महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर शराब प्रेमियों को बड़ा झटका दिया है, लेकिन बियर और वाइन के शौकीनों के लिए खुशखबरी है। सरकार ने बियर और वाइन को इस टैक्स वृद्धि से बाहर रखा है, जिससे इनकी कीमतें स्थिर रहेंगी।

इस फैसले ने न केवल उपभोक्ताओं को राहत दी है, बल्कि बियर और वाइन बनाने वाली कंपनियों जैसे Sula Vineyards Limited और GM Breweries Limited के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। दूसरी ओर, व्हिस्की और अन्य हार्ड लिकर की कीमतों में भारी बढ़ोतरी ने शराब कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों को सोच में डाल दिया है।

आइए, इस फैसले के हर पहलू को समझते हैं और जानते हैं कि इसका असर आम लोगों और उद्योग पर कैसे पड़ रहा है।

बियर और वाइन को क्यों मिली छूट?

महाराष्ट्र सरकार ने अपने ताजा फैसले में बियर और वाइन को एक्साइज ड्यूटी की बढ़ोतरी से मुक्त रखा है। इसका कारण है इन पेय पदार्थों में अल्कोहल की मात्रा हार्ड लिकर की तुलना में कम होना। इस कदम से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिली है, बल्कि बियर और वाइन उद्योग को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला महाराष्ट्र के वाइन उद्योग को और मजबूत करेगा, क्योंकि देश की अधिकांश वाइनरीज़ यहीं स्थित हैं। Sula Vineyards Limited जैसे ब्रांड्स को इस फैसले से खासा फायदा हुआ है, जिनके शेयरों में 13% तक की तेजी दर्ज की गई। वहीं, GM Breweries Limited के शेयरों में 20% का उछाल देखा गया, जो इस फैसले की सकारात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाता है।

शराब की कीमतों में कितना इजाफा?

दूसरी ओर, भारत में बनी विदेशी शराब (IMFL) और देसी शराब की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। सरकार ने IMFL पर एक्साइज ड्यूटी को लागत के 3 गुना से बढ़ाकर 4.5 गुना कर दिया है। इसके तहत, IMFL की अधिकतम टैक्स सीमा 260 रुपये प्रति बल्क लीटर तय की गई है, जबकि देसी शराब पर टैक्स 180 रुपये से बढ़कर 205 रुपये प्रति बल्क लीटर हो गया है।

इस बदलाव से विदेशी शराब की कीमतों में लगभग 40% की वृद्धि होने की संभावना है। रेस्तरां और बार में भी शराब की कीमतें बढ़ेंगी, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा। हालांकि, महाराष्ट्र में बनी स्थानीय शराब को इस बढ़ोतरी से छूट दी गई है, जिससे स्थानीय उद्योग को सहारा मिलेगा।

उद्योग और किसानों पर क्या असर?

महाराष्ट्र देश के शराब उद्योग में 10-12% का योगदान देता है, और यहाँ की वाइनरीज़ को अंगूर की आपूर्ति करने वाले किसानों की संख्या भी काफी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में लिए गए इस फैसले से आबकारी विभाग के राजस्व में लगभग 14,000 करोड़ रुपये की वृद्धि होने की उम्मीद है।

यह अतिरिक्त राजस्व राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगा। लेकिन, टैक्स वृद्धि का असर कुछ बड़ी शराब कंपनियों जैसे United Spirits और Radico Khaitan पर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि United Spirits के EPS (प्रति शेयर आय) पर 6-8% और Radico Khaitan पर 2-3% का नकारात्मक असर पड़ सकता है।

शेयर बाजार में उछाल और चुनौतियाँ

बियर और वाइन कंपनियों के लिए यह फैसला किसी वरदान से कम नहीं है। BSE के आंकड़ों के अनुसार, GM Breweries Limited के शेयरों में कारोबारी सत्र के दौरान 20% तक की तेजी देखी गई, जो 859.90 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुँचे। इसी तरह, Sula Vineyards Limited के शेयर 335.45 रुपये तक पहुँचे, जो 13% की वृद्धि दर्शाता है।

यह उछाल निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर साबित हो रहा है। लेकिन, हार्ड लिकर बनाने वाली कंपनियों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि बढ़ी हुई कीमतों से बिक्री पर असर पड़ सकता है।

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