Income Tax बचत का मास्टर स्ट्रोक: जीवनसाथी को दें लोन, पाएं छूट

इनकम टैक्स के नियमों को समझकर टैक्सपेयर्स अपनी आय पर भारी-भरकम टैक्स बचा सकते हैं। पुरानी टैक्स रीजीम में डिडक्शन का लाभ मिलता है, जबकि नई टैक्स रीजीम में 24 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। एक स्मार्ट तरीका है पत्नी को गिफ्ट की जगह लोन देना।
Income Tax बचत का मास्टर स्ट्रोक: जीवनसाथी को दें लोन, पाएं छूट

Income Tax : इनकम टैक्स के नियमों को समझकर आप अपनी मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा बचा सकते हैं। टैक्सपेयर्स के लिए कुछ खास नियम हैं, जिनका सही इस्तेमाल करने पर डिडक्शन का लाभ मिलता है। इनमें से एक अनोखा तरीका है अपनी पत्नी को गिफ्ट देने की बजाय लोन देना।

यह न सिर्फ टैक्स बचाने में मदद करता है, बल्कि आपके वित्तीय फैसलों को भी स्मार्ट बनाता है। आइए, इस नियम को आसान भाषा में समझते हैं और जानते हैं कि कैसे आप टैक्स की भारी-भरकम रकम बचा सकते हैं।

पुरानी और नई टैक्स रीजीम में क्या है अंतर?

इनकम टैक्स के दो विकल्प हैं: पुरानी टैक्स रीजीम (Old Income Tax Regime) और नई टैक्स रीजीम। अगर आप पुरानी रीजीम चुनते हैं, तो 10 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आय पर 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है। वहीं, नई रीजीम में यह सीमा 24 लाख रुपये है, लेकिन इसमें डिडक्शन का लाभ नहीं मिलता।

पुरानी रीजीम में डिडक्शन के जरिए टैक्स में राहत पाई जा सकती है, जो इसे कई लोगों के लिए आकर्षक बनाता है। लेकिन टैक्स बचाने का असली खेल तब शुरू होता है, जब आप अपनी आय को सही तरीके से मैनेज करते हैं, जैसे कि पत्नी को गिफ्ट या लोन देने के फैसले में।

गिफ्ट देने का टैक्स नियम 

मान लीजिए, आपकी सालाना आय 30 लाख रुपये है और आपकी पत्नी को दुकान खोलने के लिए 30 लाख रुपये चाहिए। आप यह रकम गिफ्ट के तौर पर दे सकते हैं, लेकिन इसके टैक्स नियमों को समझना जरूरी है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 64(1)(IV) के तहत, पत्नी को गिफ्ट से होने वाली आय पर कोई टैक्स नहीं लगता। लेकिन यह आय पति की आय में जोड़ दी जाती है, और फिर स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है।

उदाहरण के लिए, अगर पत्नी इस 30 लाख रुपये से एक साल में 6 लाख रुपये कमाती है, तो यह 6 लाख रुपये पति की आय में जुड़ जाएंगे। अगर पति की आय पहले से 28 लाख रुपये है, तो कुल आय 34 लाख रुपये हो जाएगी। पुरानी रीजीम में इस पर 8,58,000 रुपये और नई रीजीम में 7,77,400 रुपये टैक्स लगेगा। यानी गिफ्ट देना टैक्स के मामले में महंगा पड़ सकता है।

लोन देने का फायदा: टैक्स में कैसे मिलेगी राहत?

अब वही स्थिति लोन के नजरिए से देखते हैं। अगर आप अपनी पत्नी को 30 लाख रुपये 10 फीसदी ब्याज दर पर लोन देते हैं, तो पत्नी इस रकम से 6 लाख रुपये की आय कमाती है। लेकिन पत्नी को आपको 3 लाख रुपये ब्याज के रूप में चुकाने होंगे, जिससे उसकी शुद्ध आय घटकर 3 लाख रुपये रह जाएगी।

इस ब्याज को आपकी आय में जोड़ा जाएगा, यानी आपकी कुल आय 31 लाख रुपये होगी। अब पुरानी रीजीम में टैक्स 7,64,400 रुपये और नई रीजीम में 6,83,800 रुपये बनेगा। यानी गिफ्ट की तुलना में लोन देने से टैक्स में करीब 1 लाख रुपये की बचत हो सकती है। यह तरीका न सिर्फ टैक्स बचाता है, बल्कि आपके निवेश को भी सुरक्षित रखता है।

स्मार्ट टैक्स प्लानिंग की जरूरत

टैक्स बचाने के लिए नियमों की समझ और सही वित्तीय फैसले जरूरी हैं। पत्नी को गिफ्ट की जगह लोन देना एक ऐसा ही स्मार्ट कदम है, जो टैक्स की देनदारी को कम करता है। हालांकि, ऐसे फैसले लेने से पहले किसी टैक्स सलाहकार से सलाह लेना जरूरी है, ताकि आप नियमों का पूरी तरह पालन कर सकें। सही जानकारी और रणनीति के साथ आप न सिर्फ टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि अपनी वित्तीय योजना को और मजबूत भी कर सकते हैं।

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