अब लोन न चुकाने वालों को मिलेगा बड़ा झटका, अब सख्ती से होगा फैसला

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर कई अपडेट जारी किया जाते हैं। हाल ही में RBI ने जानबूझकर (RBI new rule for willful defaulter) लोन न चुकाने वाले लोगों के लिए एक अपडेट जारी किया है। आरबीआई के नए नियमों के मुताबिक अब इन लोगों को बड़ी परेशानी हो सकती है।
आरबीआई (RBI) के ये नए निर्देश सभी बैंकों तक पहुंचाए जा चुके हैं। साथ ही इन लोगों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश भी आरबीआई (reserve bank of india) ने जारी किया है। ऐसे में अगर आपकी भी लोन की कोई किस्त या लोन राशि बकाया है तो उसका भुगतान तुरंत कर दें वरना आपकी परेशानी बढ़ सकती है।
इन लोगों के लिए लिया गया है फैसला
आरबीआई द्वारा पिछले ही सप्ताह जानबूझकर लोन न चुकाने वाले लोगों (willful defaulter latest update) के लिए एक अपडेट जारी किया गया था। इस अपडेट में उन लोगों के लिए सख्त निर्देश जारी किये थे, जिनके पास भुगतान करने की क्षमता होने के बावजूद भी वो लोन का भुगतान नहीं करते हैं। ऐसे लाेगों पर लगाम कसने के लिए एक ड्राफ्ट (RBI new draft) तैयार किया है।
इन प्रस्तावित नियमों से 25 लाख से ज्यादा का लोन लेने वाले विलफुल डिफॉल्टर्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जानकारी के लिए बता दें कि विलफुल डिफॉल्टर्स वो होते हैं जिनके पास कर्ज चुकाने की क्षमता है लेकिन फिर भी वो कर्ज का भुगतान नहीं कर रहे हैं।
विलफुल डिफॉल्टर्स के खिलाफ एक्शन
आरबीआई का ये फैसला विलफुल डिफॉल्टर्स (willful defaulter) के पूरी तरह से खिलाफ रहने वाला है, क्योंकि हाल ही के वर्षों में जानबूझकर लोन नहीं चुकाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बढ़ते मामलों ने आरबीआई (RBI) की परेशानी को भी बढ़ा दिया है। अगर दिसंबर 2022 के अंत तक के आंकड़ों के बारे में बात करें तो जानबूझकर डिफॉल्ट (wilful defaulter list) किए गए लोन की रकम लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
अपराधियों की श्रेणी में होती है इनकी गिनती
आरबीआई की नजरों में ऐसे डिफॉल्टर (loan defaulers update) फाइनेंशियल सिस्टम के लिए अपराधी है। इन्हें अपराधी कहने की यही वजह है क्योंकि वे बैंक से उधार ले लेते हैं और भी भुगतान करने के समय पर वो भाग जाते हैं। बैंक जनता के पैसों की रक्षा करता है। जब लोन (loan defaulers ke New rule) के तौर पर बैंक जनता के पैसों को ही जनता में बांटता है तो उन पैसों के न मिलने पर बैंक को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और इसका खामियाजा जमाकर्ताओं को भुगतना पड़ता है।
बैंकिंग सिस्टम के लिए परेशानी हैं ऐसे कर्जदार
जो लोग जानबूझकर कर्ज का भुगतान नहीं करते हैं वो संकटग्रस्त कर्जदार या कारोबार दिवालिया वाले कर्जदार की श्रेणी में नहीं आते हैं। विलफुल डिफॉल्टर्स के लिए डिफॉल्ट करना एक तरीका बन गया है जिसकी मदद से वे लोन नहीं चुकाने से बचने की कोशिश करने लग जाते हैं। ऐसे लोग लंबे समय से कानूनी खामियों के साथ-साथ धन की ताकत का उपयोग करके बैंकिंग प्रणाली को खतरे में डाल रहे हैं।
विलफुल डिफॉल्टर्स को लेकर प्रस्ताव जारी
विलफुल डिफॉल्टर्स को लेकर हाल ही में आरबीआई (RBI draft proposals) ने प्रस्ताव जारी किया है। प्रस्ताव में आरबीआई ने बताया कि इन लोगों को कोई नया लोन लेने के लिए पहले अपने पुराने NPA अकाउंट (Non-performing asset account) के बकाया लोन को सैटल करवाना होगा। इसके साथ ही आरबीआई ने प्रस्ताव जारी किया है कि किसी खाते के एनपीए (NPA) होने के महज 6 महीने के अंदर ही उस पर विलफुल डिफॉल्टर का टैग लगा दिया जाएगा।
इन लोगों की बढ़ेंगी परेशानियां
जब बैंक किसी व्यक्ति को लोन देते हैं और लोन लेने वाला व्यक्ति जानबूझकर लोन (अगर जानबूझकर लोन न चुकाए तो क्या होगा) का भुगतान नहीं करता है तो उन लोगों पर विलफुल डिफॉल्टर का टैग लग जाता है। साथ ही में उसको कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ जाता है।
इसके साथ ही इसमें सबसे पहले ऐसे लोगों को शामिल किया जाता है जो बैंक या वित्तीय संस्थान से कोई अतिरिक्त लोन को लेते हैं। विलफुल डिफॉल्टर को लोन की रिस्ट्रक्चरिंग की फैसिलिटी नहीं दी जाती है। आरबीआई (RBI news on loan repayment) के ड्राफ्ट में बताया गया है कि NBFC को भी इन्हीं नियमों को ध्यान में रखते हुए खातों को बतौर विलफुल डिफॉल्टर टैग करने की मंजूरी दी जानी चाहिए।
आरबीआई ने किया सर्कुलर जारी
आरबीआई (RBI news) ने सर्कुलर जारी करते हुए बताया कि इन निर्देशों का मकसद जानबूझकर कर्ज को न चुकाने वालों के खिलाफ एक सिस्टम को तैयार करना है। इसकी वजह से लोन (RBI loan rules)देने वाले बैंक या वित्तीय संस्थान यह तय कर सकते हैं कि ऐसे लोगों को आगे लोन नहीं दिया जाएगा।