Personal Loan Tips : पर्सनल लोन लेने से पहले जान लें ये जरूरी बातें, वरना पछताओगे

Personal Loan Tips : पैसों की तंगी हो और जरूरतें पूरी करनी हों, तो पर्सनल लोन एक आसान रास्ता लगता है। इस लोन की खासियत यह है कि आपको कुछ भी गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन जल्दबाजी में लोन लेना भारी पड़ सकता है। अगर आप सही जानकारी और सावधानी के साथ कदम उठाएंगे, तो न सिर्फ लोन लेना आसान होगा, बल्कि उसकी चुकौती भी परेशानी नहीं बनेगी।
आइए, कुछ ऐसी जरूरी बातों पर नजर डालते हैं, जो पर्सनल लोन लेने से पहले हर किसी को जाननी चाहिए।
जरूरत को समझें, फिर लें लोन
पर्सनल लोन लेने का मतलब है हर महीने EMI चुकाना। इसलिए लोन लेने से पहले अपनी फाइनेंशियल स्थिति का जायजा लेना जरूरी है। क्या आप हर महीने EMI समय पर चुका पाएंगे? अगर EMI में चूक हुई, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है। अपनी आय और खर्चों को देखकर ही लोन की राशि तय करें, ताकि चुकौती बोझ न बने।
ऑफर के चक्कर में न पड़ें, बारीकियां जांचें
आजकल बैंक और फाइनेंशियल संस्थान लुभावने ऑफर देते हैं, लेकिन हर ऑफर फायदेमंद नहीं होता। लोन लेने से पहले इंटरेस्ट रेट, प्रोसेसिंग फीस, रीपेमेंट टर्म्स और हिडन चार्जेस को अच्छी तरह जांच लें। कई बार कम ब्याज का वादा करके अतिरिक्त शुल्क जोड़ दिए जाते हैं, जो बाद में EMI को भारी बना सकते हैं। सारी शर्तों को समझकर ही लोन के लिए हामी भरें।
कम ब्याज और बेहतर क्रेडिट स्कोर का फायदा
पर्सनल लोन की ब्याज दर आपकी लोन लागत को सीधे प्रभावित करती है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 से ज्यादा है, तो आपको कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, अपनी आय और फाइनेंशियल प्रोफाइल के आधार पर लोन की एलिजिबिलिटी जांचें। अच्छा क्रेडिट स्कोर और स्थिर आय न सिर्फ लोन की प्रक्रिया को आसान बनाती है, बल्कि बेहतर शर्तें भी दिला सकती है।
हिडन चार्जेस और प्री-पेमेंट की शर्तें
लोन लेते समय प्रोसेसिंग फीस, लेट पेमेंट पेनल्टी और प्री-पेमेंट चार्जेस जैसी चीजों पर खास ध्यान दें। कई बार ये छोटे-छोटे चार्जेस EMI को बढ़ा देते हैं। साथ ही, अगर आप लोन को तय समय से पहले चुकाना चाहते हैं, तो प्री-पेमेंट चार्जेस के बारे में पहले ही पता कर लें। कुछ कर्जदाता जल्दी चुकौती पर पेनल्टी लगाते हैं, जो आपके बजट को प्रभावित कर सकता है।
समय पर EMI और कम अवधि का लोन चुनें
लोन चुकौती में समयबद्धता बहुत जरूरी है। हर महीने EMI समय पर चुकाएं, नहीं तो पेनल्टी के साथ-साथ क्रेडिट स्कोर पर भी बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा, लंबी अवधि के लोन में भले ही EMI कम हो, लेकिन कुल ब्याज ज्यादा चुकाना पड़ता है। अगर आपकी जेब ज्यादा EMI की इजाजत देती है, तो कम अवधि का लोन चुनें। इससे लोन जल्दी खत्म होगा और ब्याज का बोझ भी कम रहेगा।