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RBI Guideline: किस्त न चुकाने पर बैंक नहीं कर सकता ये काम, जानिए आपके पास क्या-क्या हैं अधिकार

RBI Guideline: लोगों को कर्ज के जाल में धकेलने में सबसे ज्यादा क्रेडिट कार्ड के ही जिम्मेदार होने के मामले होते हैं। दरअसल (defaulters Home loans) फाइनेंशियल एक्सपर्ट हमेशा सलाह देते हैं कि क्रेडिट कार्ड सिर्फ तभी ठीक है, जब आप होशियारी से उसका इस्तेमाल करते हैं। 
RBI Guideline: किस्त न चुकाने पर बैंक नहीं कर सकता ये काम, जानिए आपके पास क्या-क्या हैं अधिकार 
RBI Guideline: किस्त न चुकाने पर बैंक नहीं कर सकता ये काम, जानिए आपके पास क्या-क्या हैं अधिकार 

Loans Defaulters Rights : आज के समय में लोन लेना मुश्किल बात नहीं हैं। किसी भी व्यक्ति को आसानी से लोन से मिल जाते हैं लेकिन कईं लोग लोन लेने के बाद लोन डिफॉल्ट कर देते हैं। जब भी ग्राहक लोन डिफॉल्ट करता है, जैसे कि - ग्राहक, बैंक और रिकवरी एजेंट होते हैं।  बैंक रिकवरी एजेंट्स को हायर करते हैं कि वो ग्राहक से लोन बकाया वसूल करें। इन रिकवरी एजेंट्स को लोन वसूल करने पर कमीशन मिलता है। ऐसे में इनके पास कमीशन पाने का यही तरीका होता है कि आपसे किसी भी तरह से वसूली करवा ली जाए। 

बढ़ रहे हैं इन मामलों में डिफॉल्ट 

आगे बढ़ने से पहले आपको कुछ आंकड़े बता देते हैं। आंकड़े बता रहे हैं कि रिटेल अनसिक्योर्ड लोन के मामले में रिस्क (loan repayment) तेजी से बढ़े हैं। क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन आदि रिटेल अनसिक्योर्ड लोन की कैटेगरी में आते हैं। कोविड के बाद क्रेडिट कार्ड के पेमेंट और पर्सनल लोन की किस्तों के भुगतान में चूक के मामले बढ़े हैं। इसके साथ ही क्रेडिट कार्ड से लोगों का खर्च तेजी से बढ़ा है।

क्रेडिट कार्ड का सावधानी से इस्तेमाल

लोगों को कर्ज के जाल में धकेलने में सबसे ज्यादा क्रेडिट कार्ड के ही जिम्मेदार होने के मामले होते हैं। दरअसल (defaulters Home loans) फाइनेंशियल एक्सपर्ट हमेशा सलाह देते हैं कि क्रेडिट कार्ड सिर्फ तभी ठीक है, जब आप होशियारी से उसका इस्तेमाल करते हैं। अगर आप कमाई से ज्यादा खर्च करेंगे तो कर्ज के जाल में फंसना तय है। क्रेडिट कार्ड एक तरफ बिना ब्याज के लिए 45 दिन तक फंड तो मुहैया कराते हैं, लेकिन चूक होने के बाद 36 से 48 फीसदी तक भारी-भरकम ब्याज भी वसूल करते हैं।

क्या है रिजर्व बैंक का नियम 

भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने लोन रिकवरी एजेंट्स के लिए नियमों को सख्त बना दिया है। RBI ने बकाया कर्ज की वसूली करने वाले एजेंटों के लिए नए निर्देश जारी करते हुए कहा कि वे सुबह 8 बजे के पहले और शाम 7 बजे के बाद कर्जदारों को कॉल नहीं कर सकते हैं। RBI ने एक (legal rights of the defaulters) नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा कि बैंक, नॉन बैंक फाइनेंशियल कंपनीज यानी NBFC और एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनीज यानी ARC यह सुनिश्चित करें कि कर्ज वसूली संबंधी उसके निर्देशों का ठीक से पालन किया जाए।

RBI ने कहा कि कर्जदारों को किसी भी तरह से प्रताड़ित न किया जाए, उन्हें उकसाया न जाए, कर्जदारों को किसी भी तरह का अनुचित मैसेज न भेजा जाए। साथ ही कोई धमकी न दी जाए, अनजान नंबर से फोन (loan repayment Tips) न किया जाए। यही नहीं वसूली एजेंट सुबह 8 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद किसी भी कर्जदार को किसी भी तरह का कॉल भी नहीं कर सकते हैं। ऐसा नहीं है कि पहली बार RBI ने इस मुद्दे पर दिशा निर्देश जारी किए हैं। इससे पहले भी RBI कर्ज वसूली से जुड़ी गाइडलाइंस जारी करता हैं। 

क्या हैं कर्जदार के अधिकार 

अब आप जानिए कि कर्जदार के कानूनी अधिकार क्या होते हैं? सबसे पहली बात तो ये समझ लीजिए कि अगर कोई वसूली एजेंट ज्यादती कर रहा है तो पुलिस की सहायता लें। कोई वसूली एजेंट किसी की संपत्ति को जब्त नहीं कर सकता है। एजेंट का काम केवल कर्जदार को भुगतान के लिए तैयार करना होता है।

एजेंट किसी भी स्थिति में कर्जदार को शारीरिक, मानसिक या किसी और तरीके से परेशान नहीं कर सकता है। यही नहीं कर्जदार को वसूली एजेंट का फोन नंबर और पता जानना जरूरी है। लोन एजेंट रिकवरी एजेंट का काम कर्जदारों को कॉल करना, उनसे पेमेंट कलेक्ट करना है। लोन एजेंट, कर्जदारों को लोन के नियम बता सकते हैं और नियम शर्तों के बारे में जानकारी दे सकते हैं, लेट फीस जोड़ सकते हैं लेकिन किसी को परेशान नहीं कर सकते।

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