अब नहीं मिलेगा सस्ता घर! प्रॉपर्टी के दामों में इन शहरों में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी

भारत के रियल एस्टेट बाजार में 2025 की पहली छमाही में प्रीमियम और लग्जरी घरों की मांग ने कीमतों में जोरदार उछाल लाया। नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, NCR और बेंगलुरु में घरों की कीमतों में 14% की वृद्धि हुई, जबकि हैदराबाद और मुंबई में क्रमशः 11% और 8% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 
अब नहीं मिलेगा सस्ता घर! प्रॉपर्टी के दामों में इन शहरों में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी

भारत का रियल एस्टेट बाजार 2025 की पहली छमाही में तेजी से उभरा है, खासकर प्रीमियम और लग्जरी घरों की मांग ने इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। नाइट फ्रैंक इंडिया की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, देश के प्रमुख शहरों में घरों की औसत कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) और बेंगलुरु में कीमतों में 14% की सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो सबसे ज्यादा है। इसके बाद हैदराबाद में 11% और मुंबई में 8% की वृद्धि देखी गई। यह उछाल न केवल आर्थिक सुधार का संकेत है, बल्कि लोगों की बदलती प्राथमिकताओं को भी दर्शाता है, जो अब बड़े और सुविधायुक्त घरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

प्रीमियम घरों की मांग में बूम

प्रीमियम हाउसिंग सेगमेंट ने इस साल बाजार को सबसे ज्यादा गति दी है। एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले घरों की बिक्री में जबरदस्त तेजी देखी गई। कुल 1.7 लाख हाउसिंग यूनिट्स की बिक्री में से लगभग 49% यानी आधे से ज्यादा घर इस रेंज में बिके। खासकर 1-2 करोड़ रुपये की रेंज में बिक्री 17% बढ़ी, जबकि 2-5 करोड़ रुपये की रेंज में 29% की शानदार वृद्धि दर्ज की गई।

लोग अब बेहतर लोकेशन, आधुनिक सुविधाओं और विशाल घरों को प्राथमिकता दे रहे हैं। डेवलपर्स ने भी इस मांग को भांपते हुए 1-5 करोड़ और 5-10 करोड़ रुपये की रेंज में नए प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए, जिसने औसत कीमतों को और ऊपर धकेला। NCR में 81%, बेंगलुरु में 70% और मुंबई में 36% बिक्री इस प्रीमियम सेगमेंट में हुई।

मुंबई सबसे महंगा, अहमदाबाद बना किफायती

मुंबई ने देश के सबसे महंगे हाउसिंग मार्केट का ताज बरकरार रखा है, जहां प्रीमियम और लग्जरी घरों की कीमतें आसमान छू रही हैं। वहीं, अहमदाबाद टॉप-8 शहरों में सबसे किफायती शहर के रूप में उभरा। डेवलपर्स का ध्यान अब प्रीमियम और लग्जरी सेगमेंट की ओर ज्यादा है, जिसके चलते इस श्रेणी में नई सप्लाई बढ़ी है। यह बदलाव बाजार में लग्जरी हाउसिंग की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।

किफायती घरों की मांग में कमी

जहां प्रीमियम सेगमेंट ने बाजार को गर्माया, वहीं 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले किफायती घरों की बिक्री में 18% की गिरावट आई। इस सेगमेंट में नई सप्लाई भी 31% घटी, क्योंकि डेवलपर्स का फोकस अब ज्यादा मुनाफा देने वाले प्रीमियम प्रोजेक्ट्स पर है। हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पिछले छह महीनों में रेपो रेट में 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है, जिससे होम लोन सस्ते हुए हैं।

इसका असर आने वाले समय में किफायती और मिड-इनकम हाउसिंग सेगमेंट पर पड़ सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार घर खरीदने की सोच रहे हैं।

अनसोल्ड यूनिट्स में मामूली बढ़ोतरी

बाजार में अनसोल्ड घरों की संख्या में 4% की बढ़ोतरी हुई और यह 5.05 लाख यूनिट्स तक पहुंच गई। फिर भी, बाजार की सेहत मजबूत बनी हुई है, जैसा कि क्वार्टर्स-टू-सेल (QTS) रेशियो 5.8 से पता चलता है। खास तौर पर 2-5 करोड़ रुपये की रेंज में QTS 3.9 क्वार्टर्स रहा, जो इस सेगमेंट की मजबूत मांग को दर्शाता है। सस्ते कर्ज और बढ़ती मांग के दम पर रियल एस्टेट बाजार के और मजबूत होने की उम्मीद है, खासकर मिड-इनकम और किफायती हाउसिंग सेगमेंट में सुधार की संभावना दिख रही है।  

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