मासिक चक्र में बढ़ जाता है धूम्रपान का खतरा, शरीर को महसूस होती है निकोटिन की आवश्यकता

दरअसल लोग धूम्रपान करने से बचते हैं, कहा जाता है कि धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक है।
मासिक चक्र में बढ़ जाता है धूम्रपान का खतरा

दरअसल लोग धूम्रपान करने से बचते हैं, कहा जाता है कि धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक है। मगर यदि आपको यह पता चले कि महिलाऐं मासिक धर्म के समय धूम्रपान करने की चाह रखती हैं तो आपको आश्चर्य होगा।

दरअसल विशेषज्ञों का मानना है कि मासिक धर्म के दौरान शरीर को निकोटिन की आवश्यकता महसूस होती है जिसके चलते महिलाओं को धूम्रपान अच्छा लगता है।

कनाड़ा के माॅन्ट्रियल विश्वविद्यालय की एड्रीयाना मेंडेक के अनुसार स्टडी से प्राप्त आंकड़े के अनुसार मासिक धर्म के शुरूआती सात दिनों में महिलाओं में धूम्रपान की ललक नियंत्रण से बाहर होती है।

यह स्टडी धूम्रपान त्यागने में काफी कारगर साबित हो सकती है और लिंग के आधार पर इसका अध्ययन किया जा सकता है। दरअसल उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मासिक चक्र के दूसरे चरण में ओवुलेशन के बाद महिलाओं के लिए धूम्रपान की लत को काबू में करना सरल हो जाता है।

इस दौरान ओस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है और ये क्रियाशील हो जाते हैं। इसके बाद ओवुलेशन के बाद महिलाओं के लिए धूम्रपान की लत को कंट्रोल करना आसान हो जाता है।

इस दौरान ओस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। जिससे धूम्रपान की इच्छा जगने लगती है।धूम्रपान महिलाओं में मासिक धर्म से पहले के लक्षणों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

अध्ययनों से पता चला है कि ऐंठन जैसे गंभीर मासिक धर्म के लक्षणों में 50% की वृद्धि हुई है, जो धूम्रपान न करने वाली महिलाओं की तुलना में धूम्रपान करने वाली महिलाओं में दो या अधिक दिनों तक रहती है।

यदि मां धूम्रपान कर रही है, तो नवजात शिशु के जन्म के समय कम वजन होने की संभावना अधिक होती है। गर्भ में भ्रूण के फेफड़े ठीक से विकसित नहीं हो पाते हैं। बर्थ डिफेक्ट हो सकते हैं।

जैसे क्लेफ्ट लिप या क्लेफ्ट प्लेट गर्भपात की संभावना भी अधिक होती है। स्तन के दूध में निकोटीन हो सकता है और ऐसे शिशुओं में अचानक इन्फेंट डेथ सिंड्रोम होने की संभावना अधिक होती है।

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