92.3 प्रतिशत होम आइसोलेटेड कोविड रोगियों ने माना स्वस्थ्य होने में योग ने की मदद


इस फ्री योग कक्षाओं से संक्रमितों को हुए वास्तविक फायदे की जांच करने के लिए दिल्ली फर्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी द्वारा आईसीएमआर के सीटीआरआई के तहत पंजीकृत एक रिसर्च किया गया। इस रिसर्च में शामिल 92.3 प्रतिशत लोगों ने माना कि संक्रमण के दौरान योग करने से उन्हें कोरोना के सभी लक्षणों में सुधार देखने को मिला और उन्हें सांस फूलने जैसी समस्या नहीं हुई।
इस बाबत उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम, दिल्ली की जनता को योग के माध्यम से स्वस्थ रखने की एक अनूठी पहल है। उन्होंने कहा कि ये बेहद खुशी की बात है कि जिस उद्देश्य के तहत दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी वो पूरा हो रहा है और लोगों को इसका फायदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत कोरोना के दौरान संक्रमितों को फ्री ऑनलाइन योग कक्षाएं उपलब्ध करवाई गई, जिससे न केवल उन्हें कोरोना से उबरने में मदद मिली बल्कि उनके खांसी, सर्दी, शरीर में दर्द, सांस फूलना आदि जैसे लक्षणों से भी राहत मिली।
रिसर्च में शामिल ज्यादातर मरीज 30 से 70 साल के बीच
92.3 प्रतिशत रोगियों ने माना योग करने से कोरोना के लक्षणों में सुधार दिखा। ज्यादातर मरीजों ने माना कि उन्हें संक्रमण के दौरान योग करने से सांस फूलने जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। योग करने से अधिकांश मरीज 5 से 7 दिनों के भीतर कोरोना से उबरे। योग करने वाले केवल 21 संक्रमित ही कोई दवाई ले रहे थे, केवल 26.2 प्रतिशत का ही टीकाकरण हुआ था। ज्यादातर संक्रमितों ने माना योग करने से उन्हें खांसी, सर्दी, शरीर में दर्द, नींद सांस फूलना आदि से जैसे लक्षण से राहत मिली।
संक्रमितों ने माना ऑनलाइन योग क्लासेस ने उनके अकेलेपन को खत्म करने के साथ मेंटल हेल्थ को भी बेहतर करने का काम किया।
--आईएएनएस
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