समरकंद में PM मोदी ने दिया नया आइडिया, जानिए कैसे संवरेगी SCO देशों की किस्मत

उज्बेकिस्तान के समरकंद में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को कहा कि SCO के सदस्य देश, वैश्विक गिनती में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और दुनिया की 40 प्रतिशत जनता भी SCO देशों में निवास करती है.
समरकंद में PM मोदी ने दिया नया आइडिया, जानिए कैसे संवरेगी SCO देशों की किस्मत

नई दिल्ली: उज्बेकिस्तान के समरकंद में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को कहा कि SCO के सदस्य देश, वैश्विक गिनती में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और दुनिया की 40 प्रतिशत जनता भी SCO देशों में निवास करती है.

उन्होंने अपने भाषण में SCO देशों की किस्मत संवारने को लेकर नया आइडिया भी दिया है. उन्होंने कहा कि SCO देश स्टार्टअप और फूड फेस्टिवल के लिए काम करें.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हम भारत को एक विनिर्माण हब बनाने पर प्रगति कर रहे हैं. इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5% वृद्धि की आशा है जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी. हम जन-केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि हम प्रति क्षेत्र में नवाचार का समर्थन कर रहे हैं. आज भारत में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं जिनमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं.

दुनिया की 40 फीसदी जनता SCO देशों सेः PM मोदी

SCO के सदस्य देशों को आगे बढ़ने के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि हम स्टार्टअप्स और इनोवेशन पर एक स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना करके SCO के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं.

उन्होंने कहा कि SCO के सदस्य देश, वैश्विक गिनती में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और विश्व की 40 प्रतिशत जनता भी SCO देशों में निवास करती है. भारत SCO सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है.

इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्य देशों के नेताओं के साथ उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में आयोजित संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में शुक्रवार को हिस्सा लिया. गलवान घाटी में जून 2020 में हुई हिंसक झड़प के कारण भारत एवं चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति पैदा होने के बाद शी और मोदी पहली बार आमने-सामने आए.

कई नेताओं से मिलेंगे PM मोदी

इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और मध्य एशियाई देशों के अन्य नेता भी भाग ले रहे हैं. शिखर सम्मेलन के सीमित प्रारूप के दौरान विचार-विमर्श से पहले, समूह के स्थायी सदस्यों के नेताओं ने एक साथ तस्वीर खिंचवाई.

शिखर सम्मेलन के परिसर पर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया. शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी के कुछ द्विपक्षीय बैठकें भी करने का कार्यक्रम है. वह पुतिन, मिर्जियोयेव और रईसी से मुलाकात करेंगे.

पीएम मोदी करीब 24 घंटे के दौरे पर गुरुवार की रात यहां पहुंचे थे. उनके समरकंद रवाना होने से पहले एक बयान जारी कर कहा, “मैं एससीओ शिखर सम्मेलन में सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने, एससीओ के विस्तार और संगठन के भीतर बहुआयामी और परस्पर लाभकारी सहयोग को और गहरा करने को लेकर उत्सुक हूं.”

कोविड-19 के कारण दो साल बाद एससीओ का ऐसा शिखर सम्मेलन हो रहा है, जिसमें नेता व्यक्तिगत रूप से मौजूद हैं. समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन दो सत्र में होगा. एक सीमित सत्र होगा, जो केवल एससीओ के सदस्य देशों के लिए है और इसके बाद एक विस्तारित सत्र होगा, जिसमें पर्यवेक्षक देश और अध्यक्ष देश की ओर से विशेष रूप से आमंत्रित देशों के नेताओं की भागीदारी की संभावना है.

एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे.

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