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SC : अगर लड़कों को स्कूल में धोती पहनना है तो पहनने दें – हिजाब पर सुप्रीम का बड़ा कमेंट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आपकी राय है कि हिजाब को स्कूलों या कॉलेजों में जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए, तो लड़कों को स्कूलों में धोती पहनने की अनुमति दी जानी चाहिए।
SC : अगर लड़कों को स्कूल में धोती पहनना है तो पहनने दें – हिजाब पर सुप्रीम का बड़ा कमेंट

कर्नाटक सरकार द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में लगाए गए हिजाब प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ तर्क देने वाले एक वकील पर पलटवार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आपकी राय है कि हिजाब को स्कूलों या कॉलेजों में जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए, तो लड़कों को स्कूलों में धोती पहनने की अनुमति दी जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच कर्नाटक हाईकोर्ट में एक फैसले के खिलाफ अहम मामले की सुनवाई कर रही है. यह मामला ‘स्कार्फ बैन’ (सामान्य शब्दों में हिजाब बैन) से जुड़ा है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच कर रही है। वहीं अलग-अलग याचिका दायर करने वाले वकील अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं.

वकील देवदत्त कामत की दलील पर सुप्रीम कोर्ट का पलटवार

जबकि वकील देवदत्त कामत ने हिजाब को “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” का हिस्सा करार दिया, न्यायमूर्ति गुप्ता, जो पीठ का हिस्सा थे, ने पूछा कि क्या कोई सलवार कमीज पहनना चाहता है या लड़के धोती पहनना चाहते हैं, क्या इसकी भी अनुमति दी जानी चाहिए? देवदत्त कामत ने मौलिक अधिकारों का प्रश्न न्यायालय के समक्ष रखा और कहा- संविधान का अनुच्छेद 19(1) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है।

यह अधिकार यह भी सुनिश्चित करता है कि क्या पहनना है। इस पर जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कामत से पूछा कि अब आप राइट टू ड्रेस की बात कर रहे हैं तो बाद में राइट टू ड्रेस की भी बात करेंगे, यह एक जटिल सवाल है। कोर्ट ने आगे पूछा, अगर कोई सलवार कमीज पहनना चाहता है, या लड़के धोती पहनना चाहते हैं, तो क्या इसकी अनुमति होगी?

क्या सरकार अनुच्छेद 19 के अधिकार देने में विफल रही?

इससे पहले कामत ने अदालत में दलील दी थी कि यहां सवाल यह है कि क्या सरकार अनुच्छेद 19, 25 और 26 के तहत छात्रों को उनके उचित अधिकार देने में विफल रही है। क्या हम यहां वर्दी को चुनौती नहीं दे रहे हैं या यह नहीं कह रहे हैं कि वर्दी की जगह जींस या कोई और कपड़ा पहनना चाहिए?

मेरा तर्क यह है कि अगर कोई छात्र स्कूल यूनिफॉर्म पहनता है और क्या सरकार उसे सिर पर दुपट्टा पहनने से रोक सकती है? कोई हिजाब या जिलबाब नहीं जो उन्हें सिर से पैर तक ढके?

अब सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई

कर्नाटक हिजाब विवाद पर अब सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई होगी. उल्लेखनीय है कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे मुस्लिम पक्ष ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।

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