Aak Plant Vastu : शिव भक्तों के लिए खास आक का पौधा,जानें इसके फायदे और नुकसान

Aak Plant Vastu : हम भारतीयों के लिए पौधे सिर्फ हरियाली का प्रतीक नहीं होते, बल्कि इनका गहरा धार्मिक और ऊर्जा से जुड़ा महत्व भी होता है। कुछ पौधे घर में सुख-शांति और समृद्धि लाते हैं, तो कुछ से परहेज़ करना ही बेहतर माना जाता है। ऐसे ही रहस्यमयी पौधों में शामिल है — आक का पौधा, जिसे कई जगहों पर "मदार" भी कहा जाता है।
हालांकि ये पौधा खासतौर पर भगवान शिव की पूजा में चढ़ाया जाता है, लेकिन घर में इसे लगाने को लेकर लोगों में काफी उलझन होती है। आइए जानें वास्तु शास्त्र क्या कहता है इस पौधे के बारे में — और अगर ये अपने आप घर में उग आए, तो क्या करना चाहिए।
आक के दो रूप: कौन सा शुभ और कौन सा अशुभ?
वास्तु के अनुसार आक के दो प्रकार होते हैं — सफेद आक और जंगली आक।
सफेद आक को शुभ, शुद्ध और धार्मिक दृष्टि से उपयोगी माना गया है। खासतौर पर शिव पूजन में इसका स्थान अहम होता है। दूसरी तरफ, जंगली आक को घर में लगाना नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर सकता है।
इस जंगली आक में एक तरह का सफेद रस निकलता है, जो न सिर्फ विषैला होता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी साबित हो सकता है। इसे लगाना घर के वातावरण को अशांत बना सकता है।
वास्तु चेतावनी: जंगली आक का असर
वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि जंगली आक का पौधा अगर घर के मुख्य द्वार या अंदरूनी हिस्सों में लगाया जाए, तो ये घर में कलह, बीमारी और दरिद्रता को आमंत्रित कर सकता है। इसका असर मानसिक शांति पर भी पड़ता है।
इसलिए सजावटी या धार्मिक वजहों से आक का पौधा लगाने से पहले ये देख लेना जरूरी है कि वो कौन सा प्रकार है — ताकि फायदे की जगह अनजाने में नुकसान ना हो जाए।
अगर आक अपने आप उग जाए, तो क्या करें?
अब सवाल ये उठता है — अगर ये पौधा अपने आप घर के किसी कोने में उग जाए, तो क्या तुरंत उखाड़ देना चाहिए?
दरअसल, ऐसा करने से पहले थोड़ा धैर्य और आस्था जरूरी है। इस पौधे को अचानक उखाड़कर फेंकने की बजाय, इसे मंत्रोच्चारण के साथ किसी उपयुक्त स्थान — जैसे मंदिर के पास, खेत या किसी एकांत स्थान — में स्थानांतरित किया जा सकता है।
इससे इसके नकारात्मक प्रभावों को काफी हद तक टाला जा सकता है।
धार्मिक प्रयोग: आक को कहां लगाएं?
अगर आप आक का उपयोग पूजा-पाठ में करते हैं, तो इसे मंदिर के पास या घर के बाहर एकांत स्थान पर लगाया जा सकता है।
इसके फूल और पत्ते भगवान शिव को अर्पित किए जा सकते हैं, लेकिन पौधे को घर के मुख्य हिस्से या बैठक में बिल्कुल ना रखें। इससे धार्मिक लाभ मिलेगा और नकारात्मकता से भी दूरी बनी रहेगी।