Temple Vastu : पूजा घर में गलती से भी ना लगाएं ये तस्वीर, वरना आ सकता है संकट

Temple Vastu : घर में मंदिर बनवाने जा रहे हैं? जानिए पूजा घर के लिए सही दिशा, रंग, और मूर्ति रखने के नियम। इन आसान वास्तु टिप्स से बढ़ाएं अपने घर की पॉजिटिव एनर्जी।
Temple Vastu : पूजा घर में गलती से भी ना लगाएं ये तस्वीर, वरना आ सकता है संकट

Temple Vastu : जब भी आप नया घर लें या पुराने घर में पूजा घर सेट करें, सबसे पहले उसके स्थान का चुनाव बहुत सोच-समझकर करें।

वास्तु के अनुसार पूजा घर बेडरूम में नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि बेडरूम की ऊर्जा और पूजा स्थल की ऊर्जा एक-दूसरे से विपरीत होती हैं। ऐसी स्थिति में शांति और एकाग्रता भंग हो सकती है।

कौन-सी दिशा है सबसे शुभ?

पूजा घर की दिशा तय करते समय दक्षिण दिशा से परहेज करें। यह दिशा यमराज की मानी जाती है, इसलिए यहां पूजा स्थल शुभ नहीं माना जाता।

सबसे उत्तम दिशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) होती है। इसके अलावा उत्तर और पूर्व दिशा भी सही मानी जाती हैं।

पूजा घर में क्या न लगाएं?

अक्सर लोग मंदिर में सजावट के लिए महाभारत की तस्वीरें, पक्षी या जानवरों की पेटिंग लगा देते हैं, जो वास्तु के अनुसार अशुभ होती हैं।

पूजा घर में केवल देवी-देवताओं की मूर्तियां या तस्वीरें ही होनी चाहिए, वो भी साफ-सुथरी और अच्छी अवस्था में।

साफ-सफाई और मूर्तियों की स्थिति

पूजा घर हमेशा साफ-सुथरा रखें। किसी भी टूटी हुई मूर्ति को तुरंत वहां से हटा देना चाहिए। यह नकारात्मक ऊर्जा का संकेत होता है।

नियमित रूप से मंदिर की सफाई करें और दीपक, अगरबत्ती, धूप आदि व्यवस्थित रूप से जलाएं।

दरवाजे और प्रवेश द्वार की दिशा

मंदिर का मुख्य दरवाजा उत्तर या पूर्व दिशा में होना सबसे बेहतर होता है। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि मुख्य मूर्ति का मुख मुख्य प्रवेश द्वार के सामने ना हो, ताकि पूजा करते समय आपका चेहरा पूर्व या उत्तर की ओर रहे।

दीवारों और मंदिर के रंग

पूजा घर की दीवारों को हल्के और शांत रंगों से सजाएं। वास्तु के अनुसार सफेद, हल्का पीला या हल्का नीला रंग मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ावा देता है।

मंदिर यदि पत्थर से बनवाना हो तो सफेद या पीले पत्थर सबसे शुभ माने जाते हैं।

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