Vastu Tips : इन स्थानों पर बैठकर खाने से रुक जाती है धन की वृद्धि, तुरंत बदलें आदत

Vastu Tips : वास्तु शास्त्र में कुछ विशेष स्थानों पर भोजन करने से घर में दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा का वास हो सकता है। जानिए वो कौन सी 5 जगहें हैं जहाँ गलती से भी खाना नहीं खाना चाहिए।
Vastu Tips : इन स्थानों पर बैठकर खाने से रुक जाती है धन की वृद्धि, तुरंत बदलें आदत

Vastu Tips : हम सभी दिन में तीन वक्त भोजन करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि आप कहां बैठकर खाना खाते हैं, इसका असर आपकी किस्मत पर पड़ सकता है?

वास्तु शास्त्र केवल भवन निर्माण या पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन की हर छोटी-बड़ी आदत को ऊर्जा से जोड़ता है। भोजन, एक ऐसा क्रियाकलाप है जो केवल पेट भरने तक सीमित नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य, समृद्धि और मानसिक स्थिति पर भी असर डालता है।

दरवाजे के पास खाना? बन सकता है दरिद्रता का कारण

बहुत से लोग जल्दबाजी में दरवाजे के पास बैठकर खाना खा लेते हैं, लेकिन वास्तु इसे अत्यंत अशुभ मानता है। दरवाजा घर में ऊर्जा के आने-जाने का मार्ग होता है, और यह लक्ष्मी का प्रवेश द्वार भी माना गया है।

वहीं बैठकर भोजन करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रुक सकता है और नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश आसान हो जाता है। इसका सीधा असर आपकी आर्थिक स्थिति पर पड़ सकता है।

पूजा घर के पास खाना: श्रद्धा या अनजाने में किया गया अपमान?

कुछ लोगों को लगता है कि पूजा घर के पास खाना खाने से भोजन पवित्र हो जाता है। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करना देवताओं का अपमान है। देवालय एक पवित्र स्थान होता है जहां सिर्फ साधना और पूजा का वातावरण बना रहना चाहिए।

वहां भोजन करना न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से गलत है, बल्कि इससे घर में मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह भी जन्म ले सकते हैं।

बिस्तर पर खाना: आराम के चक्कर में हो रहा है नुकसान

आरामदायक माहौल में टीवी देखते हुए बिस्तर पर खाना भले ही सुखद लगे, लेकिन यह आदत आपके स्वास्थ्य और धन दोनों के लिए हानिकारक हो सकती है।

बिस्तर पर खाना खाने से आलस्य, मोटापा, पाचन समस्याएं और मानसिक थकान बढ़ती है। साथ ही, वास्तु के अनुसार यह आदत आपके भाग्य और आर्थिक प्रवाह को भी प्रभावित करती है।

गंदी या अस्त-व्यस्त जगह पर खाना: नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार

यदि आप किसी गंदी, अव्यवस्थित या अस्त-व्यस्त जगह पर बैठकर भोजन करते हैं, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। गंदगी न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है, बल्कि यह घर की सकारात्मकता को भी खत्म कर देती है।

ऐसे माहौल में किया गया भोजन शरीर को ऊर्जा देने के बजाय थकावट, चिड़चिड़ापन और वित्तीय असंतुलन की ओर ले जाता है।

गैस चूल्हे के पास भोजन: आग की उग्र ऊर्जा से होता है संतुलन भंग

कई बार समय की कमी या आदतवश लोग रसोई में ही चूल्हे के पास खाना खा लेते हैं। परंतु आग को वास्तु में उग्र ऊर्जा का प्रतीक माना गया है।

ऐसे स्थान पर भोजन करना मानसिक अशांति, क्रोध और पारिवारिक विवादों को जन्म दे सकता है। घर की ऊर्जा असंतुलित होने लगती है, जिससे सुख-शांति धीरे-धीरे क्षीण होने लगती है।

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