राशि गबन के मामले में सीओ पर एफआईआर का निर्देश

राशि गबन के मामले में सीओ पर एफआईआर का निर्देश


बांका, 10 मई (हि.स.)। बांका के तत्कालीन डीएम सुहर्ष भगत ने कोविड-19 के दौरान करीब 19 लाख रुपये गबन के आरोप में तत्कालीन शंभुगंज के सीओ परमजीत सिरमौर पर प्राथमिकी दर्ज का निर्देश दिया हैं. डीएम ने यह निर्देश लिखित रुप से शंभुगंज के वर्तमान सीओ को दिया है. जिसमें कहा है कि मुख्यमंत्री के जनता दरबार में रामचुआ के राजकुमार सिंह ने कोराना काल 2020 के दौरान तत्कालीन सीओ पर राशि गबन का आरोप लगाया था. इसके बाद 25 अगस्त 2021 को जिलास्तरीय तीन सदस्यी टीम के नेतृत्व में मामले की जांच करायी गयी. जांच टीम में लेखा प्रशासन निदेशक, जिला लेखा पदाधिकारी व जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी शामिल थे.

जांच टीम ने अपने जांच प्रतिवेदन में तत्कालीन सीओ पर कोरेंटिन केंद्रों पर आवासित व्यक्तियों के आवासन, भोजन इत्यादि पर किये गये व्यय से संबंधित कैशमेमो की भुगतान में अनियमितता बरती है. जिसके बाद तत्कालीन सीओ से स्पष्टीकरण भी मांगी गयी थी. सीओ के द्वारा दिये गये स्पष्टीकरण का जबाब असंतोषजनक मिला था. जिसके बाद तत्कालीन सीओ पर वित्तीय अनियमितता के लिए नीलाम पत्र वाद व प्राथमिकी दायर करने का निर्देश दिया गया.

डीएम ने तत्कालीन सीओ के विरुद्ध प्रपत्र ‘क’ गठन करते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भी आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा है. मौजूदा समय में तत्कालीन सीओ परमजीत सिरमौर बेगूसराय देघड़ा में कार्यरत होने की बात बतायी जा रही हैं. मालूम हो कि गत सोमवार की देर शाम तत्कालीन डीएम ने बांका के नये डीएम अंशुल कुमार को अपना पदभार सौंपने के बाद अपने नये पदस्थापन जिला के लिए प्रस्थान कर गये.

भेंडरों को किया गया था अनियमित भुगतान

कोरोना काल के प्रथम चरण में तत्कालीन सीओ ने चार भेडरों को 1941436 रुपये का भुगतान किया गया. सीओ ने बिहार वित्त नियमावली के संगत प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए संबंधित भेंडरों को अनियमित भुगतान किया गया है. जिसमें नवल किराना स्टोर शंभुगंज को 1174845 रुपये बिना जीएसटी युक्त अभिश्रव व कटौती के भुगतान किया गया. जांच में यह दुकान भी नहीं मिला. बाद में कोरोना काल के दौरान बिक्री कम जाने पर दुकान बंद करने की बात कही गयी. जांच टीम ने जांच के दौरान कई खामियां पकड़ी है. इसी प्रकार यश एजेंसी शंभुगंज को 24995 रुपये व गोस्वामी ट्रेडर्स शंभुगंज को 295724 रुपये अभिश्रव पर जीएसटी संख्या अंकित हुए भी जीएसटी की राशि बिना कटौतिक किये अनियमित भुगतान कर दिया गया. विपिन कुमार इंटरप्राइजेज मिर्जापुर वास्तव में गिट्टी, बालू, छड़ व सिमेंट की दुकान है, उसके यहां से प्लास्टिक की बाल्टी, मग व स्टील की थाली-ग्लास खरीदी गयी थी. इस तरह के कई गड़बड़ियां पायी गयी है.

हिन्दुस्थान समाचार/ मदन कुमार

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