मप्र के शासकीय विश्वविद्यालय 25 वर्ष के लिए बनाएंगे कार्य-योजना : मंत्री डॉ. यादव

मप्र के शासकीय विश्वविद्यालय 25 वर्ष के लिए बनाएंगे कार्य-योजना : मंत्री डॉ. यादव


- नर्सिंग, पैरामेडिकल, कृषि पाठ्यक्रम भी होंगे प्रारंभ

- विश्वविद्यालयों के इनक्यूबेशन सेंटर में 19 स्टार्ट-अप चिन्हाकित, 15 नए पेटेंट भी फाइल किए

भोपाल, 10 मई (हि.स.) । उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग से संबद्ध सभी शासकीय विश्वविद्यालय के अकादमिक विस्तार, अधो-संरचना विकास और आत्म-निर्भर बनने के लिए 25 वर्षों की योजना बनाकर कार्य करेंगे, जिसमें प्रत्येक पांच वर्ष के लिए चरणबद्ध कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। विश्वविद्यालय कृषि, मेडिकल पैरामेडिकल के पाठ्यक्रम भी प्रारंभ करेंगे। पैरामेडिकल, मेडिकल के पाठ्यक्रम पीपीपी मॉडल पर चलाए जाएंगे। यह जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए दी।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति के साथ अकादमिक विस्तार, परीक्षा कार्यक्रम, विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों की भर्ती को लेकर ऑनलाइन समीक्षा की गई। इसमें निर्णय लिया गया है कि सभी विश्वविद्यालय अधो-संरचना विकास के लिए 25 वर्षों की कार्य-योजना बनाएंगे। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है। विक्रम विश्वविद्यालय से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिसकी प्रारंभिक तैयारी के बाद मंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा।

मंत्री डॉ. यादव ने बताया गया कि शासकीय विश्वविद्यालयों में नर्सिंग, पैरामेडिकल के पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किए जा रहे हैं। जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में पैरामेडिकल के चार पाठ्यक्रम पिछले वर्ष प्रारंभ किए गए थे, उनका विस्तार किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय आवश्यक रूप से वर्ष में एक बार पूर्व छात्रों का सम्मेलन करेंगे और वार्षिक स्मारिका प्रकाशित करेंगे। इसमें संबद्ध महाविद्यालयों की प्रमुख उपलब्धियों का भी विवरण रहेगा। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर अपने परिक्षेत्र की रिपोर्ट तैयार करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रचार-प्रसार को लेकर व्यापक रूप से कार्य किया जायेगा। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय कृषि से सम्बंधित पाठ्यक्रम प्रारंभ करेंगे। सभी विश्वविद्यालयों ने सहमति दी है कि 30 जून तक सभी परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए जाएँगे।

मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 13 मई 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति कार्यान्वयन योजना-2022 का शुभारंभ प्रस्तावित है। सभी शासकीय महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों को यू-ट्यूब, एनआईसी वेबकास्ट प्रसारण से महाविद्यालय स्तर पर प्रोजेक्टर युक्त हॉल, इंटरनेट की व्यवस्था एवं छात्रों की अधिकाधिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

30 मई तक सभी विश्वविद्यालय जुड़ेंगे डिजी लॉकर व्यवस्था से

डॉ. यादव ने बताया कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल एवं विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा विद्यार्थियों के समस्त दस्तावेज डिजी लॉकर से ऑनलाइन उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण पहल की गई है। मध्यप्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में 30 मई तक डिजी लॉकर की सुविधा उपलब्ध होगी। डिजी लॉकर की सुविधा के नवाचार से विद्यार्थियों को अपने दस्तावेजों को अपने साथ हर जगह ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डिजी लॉकर से छात्रों को कहीं भी अपनी अंकसूची, उपाधि, डुप्लीकेट मार्कशीट, माईग्रेशन, ट्रांसक्रिप्ट आदि प्रमाण-पत्र उपलब्ध हो सकेंगे।

सभी विश्वविद्यालय नैक और एनआईआरएफ की रैंकिंग के लिए तैयारी करेंगे। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर को देश के प्रथम 100 संस्थानों में शामिल कराने एवं A ग्रेडिंग प्राप्त करने के लिए 11 सदस्यीय समिति का गठन कर गैप एनालिसिस किया गया है। प्रदेश के 11 विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विज्ञापन जारी किए हैं। नैक ग्रेडिंग की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए सभी विश्वविद्यालयों में प्रतिनियुक्ति से प्राध्यापकों की पदपूर्ति भी की जाएगी।

डॉ. यादव ने बताया कि विश्वविद्यालयों में शासन और रूसा मद से बनाए जा रहे सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की ऑनलाइन समीक्षा की गई। तीन विश्वविद्यालयों में 15 सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस बनाये जा रहे है। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में भी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस बनाये जाएंगे। आगामी सत्र से जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, कृषि पाठ्यक्रम भी प्रारंभ करेंगे। प्रदेश के 6 विश्वविद्यालयों में चल रहे इनक्यूबेशन सेंटर में 19 स्टार्ट-अप पर कार्य करने चिन्हाकित किया गया है। इन केन्द्रों ने 15 नए पेटेंट भी फाइल किए है। विश्वविद्यालयों में कैंपस प्लेसमेंट को अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है। इस वर्ष देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में 1600, विक्रम विश्वविद्यालय में 700 से अधिक और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में 147 विद्यार्थियों को प्लेसमेंट प्राप्त हुआ।

हिन्दुस्थान समाचार / उमेद

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