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Haryana Budget Session 2025: HKRNL की अस्थायी भर्तियों पर गरजे अर्जुन चौटाला, हरियाणा विधानसभा में छिड़ी बड़ी बहस!

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में अर्जुन चौटाला ने HKRNL के तहत युवाओं को अस्थायी रोजगार पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि रबी-खरीफ सीजन में 45 दिन की नौकरी क्यों? खेल मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि PPP के जरिए सिर्फ हरियाणा के युवाओं को पारदर्शी नौकरी दी जाती है।
Haryana Budget Session 2025: HKRNL की अस्थायी भर्तियों पर गरजे अर्जुन चौटाला, हरियाणा विधानसभा में छिड़ी बड़ी बहस!

Haryana Budget Session 2025: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र का पांचवां दिन बेहद अहम रहा, जब इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के विधायक अर्जुन चौटाला ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (HKRNL) के जरिए युवाओं को मिलने वाले अस्थायी रोजगार का मुद्दा जोर-शोर से उठाया।

उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर क्यों युवाओं को रबी और खरीफ फसलों के मौसम में सिर्फ 45 दिनों के लिए नौकरी दी जाती है? पूरे साल स्थायी रोजगार का इंतजाम क्यों नहीं किया जा रहा? अर्जुन चौटाला ने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं के लिए रोजगार सिर्फ मौसमी नहीं, बल्कि साल भर का होना चाहिए ताकि उनकी जिंदगी में स्थिरता आ सके।

अर्जुन चौटाला ने विधानसभा में अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि HKRNL के तहत दी जाने वाली नौकरियां अस्थायी हैं और ये ज्यादातर फसलों की खरीद के दौरान मंडियों में सीमित समय के लिए उपलब्ध होती हैं। उन्होंने बताया कि एक मंडी में इस योजना के तहत महज 7-8 युवाओं को ही काम मिल पाता है।

ऐसे में यह उनके लिए आजीविका का कोई पक्का जरिया नहीं बन पाता। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या युवाओं को पूरे साल रोजगार देने की कोई ठोस योजना बनाई जा रही है? उनका कहना था कि अगर सरकार वाकई युवाओं की भलाई चाहती है, तो उसे इस दिशा में गंभीर कदम उठाने चाहिए।

इस मुद्दे पर हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम ने जवाब देते हुए स्थिति को साफ किया। उन्होंने कहा कि HKRNL के जरिए नौकरी सिर्फ उन युवाओं को दी जाती है, जिनके पास परिवार पहचान पत्र (PPP) है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि हरियाणा के स्थानीय युवाओं को ही रोजगार का फायदा मिले और बाहर के लोग इस योजना में शामिल न हो सकें।

गौरव गौतम ने आगे बताया कि HKRNL का लक्ष्य सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों में अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है। यह एक डिजिटल मंच के रूप में काम करता है, जो अस्थायी नौकरियों की प्रक्रिया को आसान और भरोसेमंद बनाता है। मंत्री के इस जवाब से साफ है कि सरकार की मंशा सही दिशा में है, लेकिन युवाओं के लिए स्थायी रोजगार का सवाल अभी भी अनुत्तरित है।

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