बालू मक्खी के काटने से फैलता है कालाजार, दो हफ्ते से आये बुखार तो सतर्क हो

बालू मक्खी के काटने से फैलता है कालाजार, दो हफ्ते से आये बुखार तो सतर्क हो


- कालाजार उन्मूलन के लिए जागरूकता व सोशल मोबिलाइज़ेशन जरूरी

- यूपी व झारखंड के कालाजार प्रभावित जिलों के स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण

वाराणसी, 06 मई (हि.स.)। कालाजार उन्मूलन को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (टीओटी) की शुरुआत शुक्रवार से हुईं। मलदहिया स्थित एक होटल में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत आयोजित टीओटी का उद्घाटन संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम की अपर निदेशक, भारत सरकार डॉ नूपुर रॉय, झारखंड स्टेट आईईसी कंसल्टेंट डॉ नीलम कुमार एवं डब्ल्यूएचओ एनटीडी के राज्य स्तरीय समन्वयक डॉ अभिषेक पॉल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

इस मौके पर डॉ नूपुर रॉय ने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य कालाजार प्रभावित उत्तर प्रदेश के वाराणसी सहित 11 जिले व झारखंड के चार जिलों को कालाजार उन्मूलन के लिए समुदाय को इस रोग के प्रति मोबिलाइज करना है।

उन्होंने कहा कि आईईसी के माध्यम से जागरूकता संदेशों के जरिये सामुदायिक व्यावहारिक परिवर्तन करना होगा। इस कार्य में आशा कार्यकर्ता के साथ अन्य विभाग एवं सहयोगी संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। कार्यक्रम में डॉ अभिषेक पॉल ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी के काटने से होता है। यह बालू मक्खी सिर्फ इंसान को ही काटती है। यह किसी जानवर या मच्छर से नहीं फैलता है। यह बालू मक्खी मिट्टी के घर, नमी वाले स्थान, दीवारों की दरार, बांस के झुंड, चूहों के बिल एवं अंधेरी वाली जगहों पर पायी जाती है। रोग के लक्षणों में “अगर दो हफ्ते से अधिक समय से बुखार है, लगातार वजन घट रहा है, कमजोरी और थकान रहती है, प्लीहा और लीवर बढ़ रहा है, लासिका ग्रंथियों में सूजन आ रही है तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द इन लक्षणों की पहचान कर जांच कराएं और तुरंत उपचार शुरू करें।

प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रशिक्षकों की सोशल मोबिलाइज़ेशन व सामुदायिक भागीदारी के लिए गतिविधियां कराई गई। इसमें कालाजार प्रभावित जिलों के पांच समूह बनाए गए। इसमें आईईसी डिस्प्ले मटेरियल जैसे पोस्टर, बैनर, हैंडबिल्स आदि के स्पष्ट संदेश प्रदर्शित किए गये। कार्यक्रम में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) की ओर से कालाजार रोग से ठीक हुए मरीजों को एक चैम्पियन के रूप में समुदाय के समक्ष ले जाना और इस रोग के बारे में उनके अनुभव को साझा कर पूरा उपचार कराने के लिए प्रेरित करने पर बल दिया गया।

कार्यक्रम में पीसीआई से नेशनल प्रोजेक्ट मैनेजर रनपाल सिंह, यूपी स्टेट प्रोग्राम मैनेजर ध्रुव सिंह, झारखंड स्टेट प्रोग्राम मैनेजर कलाम खान, झारखंड स्टेट ट्रेनिंग कंसल्टेंट बिनय कुमार, झारखंड स्टेट कालाजार कंसल्टेंट डॉ मोहम्मद अंजुम इकबाल, यूपी रीज़नल कोओर्डिनेटर विकास द्विवेदी, झारखंड रीज़नल कोओर्डिनेटर अमरेश आदि की उपस्थिति रही।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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