Restaurant Service Charges: रेस्टोरेंट में खाना खाने वालों की बल्ले-बल्ले, अब सस्ता मिलेगा लंच-डिनर

डिजिटल डेस्क : अगर आप भी वीकेंड पर रेस्टोरेंट का खाना खाते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है। सरकार की तरफ से ग्राहको के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। रेस्टोरेंट मालिकों की तरफ से बिल पर ग्राहकों से लिया जाने वाला सर्विस टैक्स गैरकानूनी है।
अगर रेस्टोरेंट मालिकों द्वारा ग्राहक से दबाव बनाकर सर्विस टैक्स वसूला गया तो ग्राहक के पास कानूनी अधिकार होंगे। होटल और रेस्तरां एसोसिएशन से तुरंत यह प्रैक्टिस रोकने के लिए कहा है।
सर्विस चार्ज लेना गैर कानूनी
सरकार रेस्टोरेंट मालिकों की तरफ से लिए जाने वाले सर्विस चार्ज के कानून में बदलाव करने के पक्ष में है। इससे ग्राहक और ज्यादा ताकतवर हो जाएगा।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने इस पर सख्ती दिखाते हुए गुरुवार (2 जून) को बड़ी बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सख्ती दिखाते हुए होटल एसोसिएशन से दो टूक कहा गया कि सर्विस चार्ज लेना गैर कानूनी है।
जल्द ग्राहकों को कानूनी अधिकार दिए जाएंगे
सरकार की तरफ से जल्द ग्राहकों को इसके लिए कानूनी अधिकार भी दिए जाएंगे। सरकार की तरफ से कहा गया कि साल 2017 के कानून के अनुसार सर्विस चार्ज देना या नहीं देना ग्राहक की मर्जी थी।
मर्जी नहीं होने पर ग्राहक इसे देने से मना कर सकता था। लेकिन होटल वाले इसे लगातार ले रहे हैं।
ग्राहकों की शिकायत पर लिया यह फैसला
बैठक में और भी कई मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में होटल एसोसिएशन के अलावा Zomato, Swiggy, Delhivery, Zepto, Ola, Uber जैसे प्रोवाइडर्स के भी प्रतिनिधि मौजूद रहे।
कस्टमर हेल्पलाइन पर इस बात को लेकर लगातार मिलने वाली शिकायतों को देखकर सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है।
सर्विस चार्ज की गाइडलाइंस
सर्विस चार्ज को लेकर भारत सरकार की तरफ से 21 अप्रैल, 2017 को जारी गाइडलाइंस में कहा गया था कि कई बार कंज्यूमर बिल में लगे सर्विस चार्ज देने के बाद भी वेटर को अलग से ये सोचकर टिप देते हैं कि बिल में लगने वाला चार्ज टैक्स का पार्ट होगा।
खाने की जो कीमत लिखी होती है उसमें माना जाता है कि खाने की कीमत के साथ-साथ सर्विस जुड़ा हुआ है।