अपने ही दामाद के साथ सास जाना चाहती है हनीमून पर, पत्नी ने खुद बताई सच्चाई

मैं एक शादीशुदा महिला हूं। मैं अपनी सास से बहुत ज्यादा परेशान हूं। ऐसा इसलिए क्योंकि मेरी सास मुझे और मेरे पति को साथ में समय बिताने नहीं देती। दरअसल, हम दोनों ही वर्किंग हैं। यही एक वजह भी है कि हमें मुश्किल से ही घर पर एक साथ समय बिताने का मौका मिल पाता है।
ऐसे में अपने बिजी रूटीन को देखते हुए हम दोनों ने एक-दूसरे के साथ एक ट्रिप प्लान की थी, जिसमें भी मेरी सास हमारे साथ आने को तैयार हो गईं। मैं आपसे छिपाना नहीं चाहती यह यात्रा हमारे लिए बहुत ही ज्यादा खास होने वाली थी। ले
किन अब ऐसा नहीं हो सकता। ऐसा इसलिए भी क्योंकि मेरे पति अपनी मां को चाहकर भी ना नहीं कह सकते। मैं अपनी सास की इस हरकत से बहुत ज्यादा परेशान हूं।
मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं उन्हें समझाने के लिए क्या कर सकती हूं? मैं उन्हें कैसे बताऊं कि ये हमारा हनीमून है कोई फैमिली ट्रिप नहीं है।
आपने एक पुरानी कहावत सुनी होगी कि
अगर आप किसी से शादी करते हैं, तो आपको उसके परिवार से भी शादी करनी पड़ती है। भारतीय समाज में विवाह की अभी भी यही अवधारणा है। अगर आप अपने ससुरालवालों के साथ रहती हैं, तो आपको उनका मन रखने के लिए कभी-कभार ऐसी चीजों को भी करना पड़ेगा, जो आपको पसंद नहीं है।
आपकी मौजूदा स्थिति बिल्कुल ऐसी है। हालांकि, मैं मानती हूं कि कभी-कभी ससुराल वाले अपनी मर्यादाओं को पार कर देते हैं, लेकिन अगर आप चाहें तो चीजों को सही तरीके से व्यक्त किया जा सकता है।
सास की भावनाओं का रखें ख्याल
जैसा कि आपने कहा कि आपकी सास भी आपके साथ ट्रिप पर आने के लिए रेडी हो गई हैं, तो ऐसे में मैं यही कहूंगी कि आप अपनी सास से बात करें। उन्हें बताएं कि आप अपने पति के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिताना चाहती हैं।
उन्हें अपनी उम्मीदों के बारे में भी बताएं। इस दौरान उन्हें यह भी समझाएं कि आप दोनों को साथ में क्वॉलिटी टाइम बिताने के लिए बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता है। ऐसे में अगर वह भी आपके साथ आएंगीं, तो आप दोनों का ध्यान उनकी सेवा करने में बंट जाएगा।
हां, इस दौरान एक बात का ख्याल रखें कि सास से बात करते हुए आपकी भाषा बहुत ज्यादा नरम और प्यार वाली हो।
पति से करें बात
अगर आप चाहती हैं कि आपकी सास आपकी भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं, तो आपको अपने पति से भी बात करनी पड़ेगी। आपको अपनी सास के व्यवहार के बारे में उन्हें सब कुछ बताना होगा। हालांकि, इस दौरान आपको सकारात्मकता के साथ बातचीत शुरू करने की आवश्यकता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी बेटा अपनी मां की बुरी बातें नहीं सुन सकता है। इतना ही नहीं, इस दौरान आपको अपने साथी से उन सीमाओं के बारे में भी बात करनी होगी, जिनकी आपको ज़रूरत है। अगर आप ऐसा नहीं करती हैं, तो आप चाहकर भी अपनी शादीशुदा जिंदगी में खुश नहीं रह पाएंगीं।