हरिद्वार फायरिंग के ताज़ा अपडेट: कोर्ट में पेश हुए MLA उमेश कुमार, प्रणव सिंह चैंपियन पहुंचे जेल

रुड़की: हरिद्वार जिले के खानपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को हाल ही में कोर्ट में पेश किया गया। उनके खिलाफ पूर्व विधायक प्रंणव सिंह चैंपियन की पत्नी, कुंवरानी देवयानी ने रुड़की के सिविल लाइन कोतवाली में एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। बता दें कि प्रंणव सिंह चैंपियन पहले ही अदालत से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जा चुके हैं।
कुंवरानी देवयानी ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा कि 25 जनवरी की रात लगभग 9 बजे उमेश कुमार अपने समर्थकों के साथ उनके महल और कैंप कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उमेश कुमार ने उनके घर में घुसने का प्रयास किया। उनकी शिकायत पर पुलिस ने उमेश कुमार और उनके कुछ साथियों को गिरफ्तार किया, जिन्हें आज अदालत में पेश किया गया।
दोनों नेताओं के बीच चल रहे विवाद की जड़ 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में है। बीजेपी ने कुंवरानी देवयानी को खानपुर सीट से उम्मीदवार बनाया था, जबकि उमेश कुमार ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरकर कुंवरानी देवयानी को हराया था। इस हार के बाद से ही दोनों के बीच तल्खी बढ़ गई। सोशल मीडिया पर अक्सर एक-दूसरे के खिलाफ तीखे आरोप-प्रत्यारोप की पोस्ट्स देखी जाती हैं।
शनिवार को दोनों नेताओं के बीच फिर से सोशल मीडिया पर तीखी टिप्पणी हुई। इसके बाद उमेश कुमार अपने समर्थकों के साथ रात को प्रंणव सिंह चैंपियन के महल पर पहुंचे और वहां हंगामा किया। रविवार को प्रंणव सिंह चैंपियन भी अपने समर्थकों के साथ उमेश कुमार के दफ्तर पहुंचे और वहां उमेश कुमार के स्टाफ के साथ मारपीट की। इस घटना के बाद प्रंणव सिंह चैंपियन और उनके समर्थकों ने फायरिंग भी की, जिसका वीडियो भी सामने आया है और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
यह विवाद अब और भी गंभीर हो गया है, क्योंकि दोनों नेताओं के बीच लगातार टकराव की घटनाएं हो रही हैं, जो केवल राजनीति से बढ़कर व्यक्तिगत झगड़ों का रूप ले चुकी हैं। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, और उमेश कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। वहीं, समाज और राजनीति में इस विवाद के बढ़ने से यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या हमारे नेता अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को राजनीति से ऊपर रखकर सुलझा सकते हैं?
इस घटनाक्रम ने खानपुर विधानसभा क्षेत्र में राजनीति की गर्मी को और बढ़ा दिया है और यह देखने वाली बात होगी कि इस विवाद के परिणाम स्वरूप क्षेत्र की जनता पर क्या असर पड़ता है।