Kedarnath Landslide News : भूस्खलन के कारण रोकी गई केदारनाथ यात्रा, SDRF ने 40 श्रद्धालुओं को बचाया

Kedarnath Landslide News : उत्तराखंड में भारी बारिश ने केदारनाथ यात्रा और यमुनोत्री हाईवे को ठप कर दिया है। रुद्रप्रयाग के सोनप्रयाग में मुनकटिया के पास भूस्खलन से केदारनाथ धाम का रास्ता बंद हो गया, जिसके चलते यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित है। एसडीआरएफ ने 40 फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला। 
Kedarnath Landslide News : भूस्खलन के कारण रोकी गई केदारनाथ यात्रा, SDRF ने 40 श्रद्धालुओं को बचाया

Kedarnath Landslide News : उत्तराखंड के पवित्र तीर्थस्थलों केदारनाथ और यमुनोत्री की यात्रा पर प्रकृति का कहर टूट पड़ा है। भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने इन हिमालयी मंदिरों के रास्तों को अवरुद्ध कर दिया है।

प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है, जबकि यमुनोत्री मार्ग पर सड़क का एक बड़ा हिस्सा बह गया है। इस बीच, राहत और बचाव टीमें दिन-रात जुटी हुई हैं। केदारनाथ के सोनप्रयाग में फंसे 40 श्रद्धालुओं को एसडीआरएफ ने सुरक्षित निकाला, वहीं यमुनोत्री हाईवे पर 254 यात्रियों को बचाया गया। लेकिन चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं, क्योंकि सड़कों की मरम्मत में कठिनाइयां आ रही हैं।

केदारनाथ यात्रा पर भूस्खलन का कहर

रुद्रप्रयाग जिले में सोनप्रयाग के पास मुनकटिया में गुरुवार को भारी बारिश ने भूस्खलन को जन्म दिया। मलबे और पत्थरों ने केदारनाथ धाम की ओर जाने वाली सड़क को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया। पुलिस के मुताबिक, मुनकटिया स्लाइडिंग जोन में सड़क पर मलबा जमा होने से यात्रा को रोकना पड़ा।

देर रात करीब 10 बजे गौरीकुंड से लौट रहे कुछ तीर्थयात्री इस स्लाइडिंग जोन में फंस गए थे। लेकिन, एसडीआरएफ की त्वरित कार्रवाई ने 40 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालकर सोनप्रयाग पहुंचाया। प्रशासन ने एहतियातन केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है, ताकि और कोई जोखिम न हो।

यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटने से तबाही

यमुनोत्री हाईवे पर स्थिति और भी जटिल है। सिलाई बैंड के पास बादल फटने की घटना के चौथे दिन भी वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। सिलाई बैंड और ओजरी में नाले के उफान ने सड़क का 20-25 मीटर हिस्सा बहा दिया। इस आपदा में सात लोग लापता हो गए, जिनकी तलाश में एनडीआरएफ अपनी स्निफर डॉग टीम के साथ जुटी है।

बुधवार को स्यानाचट्टी से जानकीचट्टी के बीच फंसे 254 यात्रियों को सुरक्षित निकालकर बड़कोट भेजा गया। पैदल आवाजाही तो शुरू हो गई है, लेकिन मलबे और कीचड़ के कारण खतरा बना हुआ है।

राहत और बचाव में जुटा प्रशासन

प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें युद्धस्तर पर काम कर रही हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और आईटीबीपी की टीमें यात्रियों को सुरक्षित निकालने और लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं। खाद्य आपूर्ति विभाग ने यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था की है, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो।

राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) विभाग सिलाई बैंड में सड़क की मरम्मत में लगा है, लेकिन ओजरी के पास हार्ड रॉक की वजह से काम में देरी हो रही है। डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि प्रशासन का पूरा ध्यान यमुनोत्री हाईवे पर आवाजाही बहाल करने पर है। साथ ही, कुपड़ा मोटर मार्ग पर छोटे वाहनों की आवाजाही जल्द शुरू करने की कोशिश की जा रही है।

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