

इस बजट में अनोखे ‘Cow Tax’ का प्रावधान किया गया है, जो शराब की हर बोतल की बिक्री पर 10 रुपये के हिसाब से लगेगा. असल में इसे शराब की बिक्री पर एक उपकर (Cess) की तरह वसूल किया जाएगा.
राज्य विधानसभा में बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि इससे राज्य सरकार को हर साल 100 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा. हिमाचल प्रदेश के अलावा देश के कई अन्य राज्यों में भी ‘गाय उपकर’ वसूल किया जाता है. इनमें पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ शामिल है.
आवारा गायों को सड़क से हटाने में आएगा काम
देश के अलग-अलग राज्यों में जो ‘गाय उपकर’ लगाया गया है. उसका इस्तेमाल आवारा गायों को सड़कों से हटाने और उनकी देखभाल की व्यवस्था करने के लिए किया जा रहा है. अलग-अलग राज्यों में लगाए गए गाय उपकर की दर 2 प्रतिशत से लेकर 20 प्रतिशत तक है.
शराब के अलावा अलग-अलग राज्यों में इसे लग्जरी सामान या सेवाओं पर, बिजली के बिल, शादी विवाह घर इत्यादि पर वसूल किया जा रहा है. ताकि गरीबों पर इसका कोई असर नहीं पड़े.
हिमाचल प्रदेश सरकार ने इसे शराब की सभी बोतलों के लिए 10 रुपये पर फिक्स किया है. इसका शराब की बोतल की कीमत, आकार, प्रकार या मात्रा से कोई लेना-देना नहीं होगा.
सुक्खू ने पेश किया पहला बजट
राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सुक्खू सरकार का ये पहला बजट है. गाय उपकर के अलावा बजट में राज्य के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को दुरुस्त करने का ऐलान भी किया गया है. सरकार 1,000 करोड़ रुपये की लागत से कुल 1,500 डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बस में बदलेगी.
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कांगड़ा को ‘टूरिज्म कैपिटल’ के तौर पर बढ़ावा देने. सभी जिलों को हेलिपोर्ट से जोड़ने का काम भी किया जाएगा.
उन्होंने राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली 20,000 लड़कियों को इलेक्ट्रिक स्कूटी खरीदने पर 25,000 रुपये की सब्सिडी देने की भी घोषणा की है.