जन्मभूमि स्थित राम मन्दिर में दोपहर 12:30 बजे के बाद रामलला की मूर्ति का प्रवेश हुआ। दोपहर 1:20 बजे यजमान ने प्रधानसंकल्प होकर अनुष्ठान शुरू किया। मूर्ति का जलाधिवास हुआ।
पांच वर्ष के बालक राम के विग्रह यानी रामलला की मूर्ति की लंबाई 51 इंच है। कमल दल के साथ लंबाई 7 फुट 10 इंच की हो जाती है।
राम मंदिर में गर्भगृह के सामने रजत विग्रह के साथ अनुष्ठान पूरा कराया गया। वैदिक आचार्य व मुख्य यजमान डॉक्टर अनिल मिश्र के साथ पंच अंग विधि अनुष्ठान हुआ।
शुक्रवार को यज्ञ मंडप के चारों द्वारों का वेदमूर्ति पूजन व चतुर्वेद पारायण के अलावा और यज्ञमंडप के षोडश स्तंभों का पूजन व देवताओं का आह्वान होगा।
अरणि मंथन से यज्ञ कुंड में अग्निदेव का प्राकट्य और इसके बाद यज्ञ कुंड में हवन का शुभारम्भ होगा।
इससे पहले गुरुवार की देर रात रामलला की प्रतिमा राममंदिर लाई गई। ट्रक पर लाई गई प्रतिमा क्रेन से उतारकर मंदिर परिसर में रखी गई।
बुधवार को जलयात्रा भव्य रूप से निकाली गई। रामलला की मूर्ति की शोभायात्रा उत्साह के साथ सम्पन्न हुई। मण्डप में आनन्द रामायण का पारायण प्रारम्भ हुआ था।