Hyundai और Kia की ई-कारों में अब लगेगी भारत में बनी बैटरी, जानिए इस डील के फायदे

हुंडई मोटर कंपनी की एक प्रेस रिलीज के अनुसार यह कदम हुंडई और किआ को भारत में अपने अपकमिंग ईवी मॉडलों के लिए घरेलू स्तर पर उत्पादित बैटरी का उपयोग करने में अग्रणी बनाएगा। 
Hyundai और Kia की ई-कारों में अब लगेगी भारत में बनी बैटरी, जानिए इस डील के फायदे
दून हॉराइज़न, नई दिल्ली 

हुंडई मोटर कंपनी और किआ कॉर्पोरेशन ने अपने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विस्तार योजनाओं के हिस्से के रूप में एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस के साथ एक पार्टनरशिप की है। हुंडई ग्रुप और एक्साइड ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका उद्देश्य भारतीय बाजार के लिए लिथियम-आयरन-फॉस्फेट (LFP) सेल्स पर ध्यान केंद्रित करते हुए ईवी बैटरी प्रोडक्शन को स्थानीय तौर पर तैयार करना है।

हुंडई मोटर कंपनी की एक प्रेस रिलीज के अनुसार यह कदम हुंडई और किआ को भारत में अपने अपकमिंग ईवी मॉडलों के लिए घरेलू स्तर पर उत्पादित बैटरी का उपयोग करने में अग्रणी बनाएगा। दोनों कंपनियों के लिए एक्साइड एनर्जी के साथ यह पार्टनरशिप भारतीय बाजार में खास बैटरी डेवलपमेंट, प्रोडक्शन, सप्लाई और पार्टनरशिप का विस्तार करने का सफल प्रयास है।

एमओयू पर दक्षिण कोरिया में हुंडई मोटर ग्रुप के नामयांग रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर में हस्ताक्षर किए गए। उपस्थित लोगों में हुंडई मोटर और किआ के आर एंड डी डिवीजन के अध्यक्ष और प्रमुख हेई वोन यांग, इलेक्ट्रिफिकेशन एनर्जी सॉल्यूशन टेक यूनिट के प्रमुख चांग ह्वान किम, इलेक्ट्रिक व्हीकल पार्ट्स पर्चेज सब-डिवीजन हेड डुक ग्यो जियोंग और एक्साइड एनर्जी के प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ. मंदार वी देव शामिल थे।

महीने की शुरुआत में किआ ने निवेशक दिवस 2024 में भारतीय बाजार के लिए अपना रणनीतिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। किआ के अध्यक्ष और सीईओ हो-सुंग सॉन्ग ने भारत में विभिन्न उपभोक्ता मांगों को पूरा करने के लिए किआ कैरेंस ईवी सहित उभरते बाजारों में दो समर्पित मॉडल लॉन्च करने की योजना की रूपरेखा तैयार की। 

वैश्विक स्तर पर किआ ने अपने 2027 लाइनअप के लिए कुल 15 ईवी मॉडल लॉन्च करने की योजना बनाई है। वहीं, हुंडई ने भारतीय बाजार में महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद करते हुए 2032 तक पांच ईवी पेश करने की योजना बनाई है। दक्षिण कोरियाई वाहन निर्माता को उम्मीद है कि भारत 2030 तक 50 लाख पैसेंजर कारें बेचेगा, जिसमें 48 प्रतिशत एसयूवी और 30 प्रतिशत ईवी होंगे।

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