किसानों के लिए खुशखबरी: 100 साल तक फल देगा ये पेड़, झटके में बन जायेंगे अमीर

दादा लगाएं और परपोता खाए ये कहावत तो आपने सुनी होगी हाँ! नारियल एक ऐसा फल है जिसे अगर परदादा अपने बचपन में लगाएं तो परपोता भी इसका फल खा सकता है।
यह अलग बात है कि मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर में वर्षों पहले भारत सरकार द्वारा नारियल विकास बोर्ड की स्थापना के बावजूद इस क्षेत्र में किसानों ने बड़े पैमाने पर नारियल की खेती शुरू नहीं की.
लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि नारियल के बागान में आप अन्य फलों के पेड़ लगाने के साथ-साथ सब्जियां, हल्दी, मछली पालन और मखाना की खेती भी कर सकते हैं। यह 15 साल में फल देना शुरू कर देता है और 70-80 साल तक फल देता रहता है।
नारियल विकास बोर्ड के सहायक निदेशक बिलिच दान बाड़ा ने कहा कि भारत सरकार नारियल विस्तार योजना के तहत नारियल का उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए 10 से अधिक पौधे लगाने पर 60 रुपये का नारियल का पौधा 20 रुपये में दिया जा रहा है.
इसमें 2 किश्तों में 20-20 रुपये का अनुदान दिया जाता है. इसके लिए जमीन की रसीद, बैंक पासबुक की फोटोकॉपी, आधार कार्ड और एक फोटो नारियल विकास बोर्ड कार्यालय में जमा करना होगा. फिर किसानों को ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए यह लाभ दिया जाता है.
नारियल की खेती कई फसलों के साथ की जा सकती है. नारियल की खेती की खास बात यह है कि इसकी छाया ज्यादा नहीं फैलती। इसलिए, नारियल की खेती धान और मक्का जैसी अन्य फसलों के साथ की जा सकती है।
इसके लिए नारियल के पौधों की दूरी 10-10 मीटर होनी चाहिए. वहीं, नारियल की खेती के साथ मछली पालन भी किया जा सकता है. नारियल के बागान में आप अन्य फलों के पेड़ लगाने के साथ-साथ सब्जियां, हल्दी, मछली पालन और मखाना की खेती भी कर सकते हैं।
यह जानकारी आपको नारियल विकास बोर्ड कार्यालय में मिल जाएगी. मई-जून यानि मानसून का महीना नारियल की रोपाई के लिए सबसे उपयुक्त समय है।