बैंक अब नहीं कर सकते परेशान! जानिए EMI ना भरने पर क्या कहता है RBI का कानून

आज के दौर में लोन लेना पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है। चाहे घर की जरूरत हो या बिजनेस का खर्च, बैंक और डिजिटल ऐप्स कुछ ही मिनटों में लोन उपलब्ध करा देते हैं। लेकिन, कई बार आर्थिक तंगी के चलते लोन की किस्तें चुकाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में लोन रिकवरी एजेंट्स का व्यवहार कर्जदारों के लिए सिरदर्द बन जाता है।
बार-बार फोन, धमकियां, या अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल—ये सब न केवल परेशान करता है, बल्कि गैर-कानूनी भी है। अगर आप भी ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं। यह लेख आपको आपके अधिकारों और बचाव के तरीकों के बारे में विस्तार से बताएगा, ताकि आप आत्मविश्वास के साथ इस समस्या से निपट सकें।
लोन रिकवरी एजेंट्स का काम बैंकों द्वारा नियुक्त करके बकाया राशि वसूलना होता है। लेकिन, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इन एजेंट्स के लिए सख्त नियम बनाए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। फिर भी, कई एजेंट्स इन नियमों को ताक पर रखकर कर्जदारों को मानसिक रूप से परेशान करते हैं।
उदाहरण के लिए, रात में फोन करना, धमकी देना, या अपशब्दों का इस्तेमाल करना पूरी तरह गैर-कानूनी है। आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, रिकवरी एजेंट्स सुबह 8 बजे से पहले और रात 7 बजे के बाद संपर्क नहीं कर सकते। अगर कोई एजेंट इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो आप तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं।
सबसे पहले, अगर आपको लगता है कि रिकवरी एजेंट अनुचित व्यवहार कर रहा है, तो शांत रहें और उसकी बातों को रिकॉर्ड करने की कोशिश करें। कॉल, मैसेज, या किसी भी धमकी को सबूत के तौर पर सहेजें। इसके बाद, बैंक के ग्राहक सेवा विभाग में लिखित शिकायत दर्ज करें। शिकायत में एजेंट का नाम, घटना की तारीख, और विवरण स्पष्ट रूप से लिखें।
अगर बैंक कोई कार्रवाई नहीं करता, तो आप आरबीआई के बैंकिंग लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं। यह एक मुफ्त सेवा है, जो आपके हितों की रक्षा करती है।
कभी-कभी स्थिति गंभीर हो जाती है, जैसे कि एजेंट का आपके घर आकर दबाव बनाना या शारीरिक धमकी देना। ऐसे में बिना देरी किए नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करें। भारतीय कानून के तहत धमकी देना एक अपराध है, और पुलिस इस पर तुरंत कार्रवाई कर सकती है।
साथ ही, अगर आप लोन चुकाने में असमर्थ हैं, तो बैंक से संपर्क करें। कई बैंक लोन रिस्ट्रक्चरिंग, किस्तों में छूट, या नई पुनर्भुगतान योजना जैसे विकल्प देते हैं। अपनी स्थिति को ईमानदारी से बताएं, ताकि बैंक आपके लिए उपयुक्त समाधान सुझा सके।
यह समझना जरूरी है कि लोन रिकवरी एजेंट्स का व्यवहार आपको डराने या परेशान करने के लिए नहीं होना चाहिए। आपके पास कानूनी अधिकार हैं, और सही जानकारी के साथ आप इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह की परेशानियों से बचने के लिए हमेशा लोन लेने से पहले उसकी शर्तों को अच्छी तरह समझें और अपनी आर्थिक स्थिति का आकलन करें।