राशन कार्डधारकों के लिए बड़ी मुसीबत, घर में ये चीजें हैं तो राशन कार्ड होगा बेकार
देश की बड़ी आबादी फ्री राशन का फायदा उठा रही है, जिसका असर भी देखने को मिल रहा है. अगर आप भी राशन कार्ड सुविधा का फायदा प्राप्त करना चाहते हैं तो जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा. क्या आपको पता है कि सरकार की तरफ से अब राशन कार्ड रद्द करने का अभियान चलाया जाएगा.
अपात्रों के राशन कार्ड पूरी तरह से बंद कर दिए जाएंगे. इसकी वजह की देशभर में काफी लोग ऐसे हैं जो अपात्र होने के बाद भी गेंहू, चावल और चीना की फायदा ले रहे हैं. सरकार का मकसद है कि राशन कार्ड के जरिए उन्हीं लोगों को फायदा मिले जो पात्र हैं. इसलिए अगर आप अपात्र हैं तो अपना राशन कार्ड जमा कर दें. ऐसा नहीं करने पर जांच में आपका राशन कार्ड कैंसिल कर दिया जाएगा. किना लोगों के राशन कार्ड रद्द होंगे, यह सब जानने के आप नीचे ध्यान से आर्टिकल पढ़ सकते हैं.
इन लोगों का रद्द होगा राशन कार्ड
सरकार की ओर से जारी किए गए राशन कार्ड पर अब प्रशासन काफी शर्त है. जांच में अब जल्द ही अपात्रों की पहचान कर कार्रवाई करने का काम किया जाएगा. राशन कार्ड बनवाने के नियम बनाए गए थे, लेकिन कुछ लोगों ने जानकारी छुपाकर यह काम कराया, जिन्हें अब अनाज की सुविधा से वंचिच रहना होगा.
सरकारी नियमों के अनुसार, आयकर दाताओं, चार पहिया वाहन मालिक, एसी और 5 केवीए या उससे अधिक क्षमता का जनरेटर रखने वालों लोगों को राशन कार्ड जारी करने का प्रावधान नहीं है. इतना ही नहीं अगर आपके घर में शस्त्र लाइसेंस है तो उन्हें भी राशन कार्ड की सुविधा का फायदा नहीं मिलेगा. इससे आपको बड़ा नुकसान देखने को मिलेगा.
ये लोग भी नहीं आते राशन कार्ड के दायरे में
ग्रामीण इलाकों में पांच एकड़ से ज्यादा उपजाऊ जमीन वाले परिवार राशन कार्ड के दायरे में नहीं आते हैं. इसके साथ ही शहरी क्षेत्र में 100 मीटर से अधिक के प्लॉट या उस पर निर्मित मकान होने पर भी राशन कार्ड नहीं बनवाना चाहिए, क्योंकि इन मानकों को भी अपात्र माना गया है. गांव में दो लाख रुपये और शहरी क्षेत्रों में 3 लाख रुयपे से सालाना अधिक आय होने पर भी इस सुविधा का फायाद नहीं मिलेगा.
लंबे समय से मिल रहा फ्री राशन
राशन कार्ड धारकों के लिए सरकार काफी दिनों से फ्री अनाज सुविधा का लाभ पहुंचा रही है. सरकार की तरफ से पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गेंहू, चावल और चीनी का फायदा पहुंचाया जा रहा है. देशभर में करीब 80 करोड़ लोग इस सुविधा का फायदा उठा रहे हैं. सरकार ने इस सुविधा को लोगों का पेट भरने के उद्देश्य से कोरोना वायरस काल यानी साल 2020 में शुरू किया था.