SIP में निवेश करते समय होने वाली आम गलतियाँ और उनसे बचने के तरीके

बीते कुछ समय से स्टॉक मार्केट में अधिकतर लोग तेजी से निवेश कर रहे हैं। इसमें अधिकतर शेयरों में अच्छा खासा रिटर्न दिया है। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं हो पाता है।
SIP में निवेश करते समय होने वाली आम गलतियाँ और उनसे बचने के तरीके

SIP Mutual Funds : बीते कुछ सालों के एसआईपी के द्वारा म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। शहरों के साथ में गांव में भी ये चलन तेजी पकड़ रहा है।

गांवों में पहले लोग सेविंग या फिर रिटायरमेंट प्लान के लिए सीधे तौर पर बैंक या फिर फिक्स डिपॉजिट या फिर पोस्ट ऑफिस की स्कीम में निवेश करते थे।लेकिन दौर बदलने के बाद लोग एसआईपी में निवेश करने लगे हैं।

इसके साथ में लोग समान्य गलतियां भी करते हैं इससे उनको लॉन्ग टर्म के निवेश पर ज्यादासे रिटर्न नहीं मिल पाता है। जितना कि वह चाहते हैं। चलिए जानते हैं एसआईपी क्या है। इसके लाभ क्या हैं। एसआईपी करते समय किन बातों का ख्याल रखना होगा।

एसआईपी की डिटेल

बीते कुछ समय से स्टॉक मार्केट में अधिकतर लोग तेजी से निवेश कर रहे हैं। इसमें अधिकतर शेयरों में अच्छा खासा रिटर्न दिया है। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं हो पाता है। बाजार में तेजी के बाद मंदी का समय भी आता है।

उस समय शेयरों में भी गिरावट आती है। एस साधारण निवेशक के लिए इस प्रकार के उतार-चढ़ाव का भी अंदाजा लगाना है। उसी के आधार पर निवेश के फैसला लेना काफी कठिन हो जाता है। ऐसे में लोगों के लिए एसआईपी बेस्ट ऑप्शन होता है।

एसआईपी करने के लाभ

एसआईपी करने से आपको कंपाउंड आधार पर लाभ होता है। इसका अर्थ है कि आपका निवेश से होने वाली एक्स्ट्रा रकम को भी निवेश किया जाता है। इससे आपको लॉन्ग टर्म में तगड़ा रिटरन प्राप्त होता है।

एसआईपी में आपको एवरेज लाभ होता है। जैसे कि एसआईपी में फंड हाउस ने कोई शेयर महंगा खरीद लिया है ऐसे में बाजार में गिरावट आ जाएगी।

इसके साथ में शेयर भी सस्ता हो जाएगा। इसकी भी एवरेज कॉस्ट शानदार हो जाएगी।

इन बातों का रखें ध्यान

अपनी फाइनेंशियल स्थिति के मुताबिक एसआईपी की रकम तय करें। इसका ये अर्थ है कि यदि आपकी आर्थिक स्थिति बेकार हो जाती है तो भी आप एसआईपी जारी रख सकें। एसआईपी शॉर्म टर्म के नहीं सहीं। इसको हमेशा लॉन्ग टर्म के लिए कराएं इसके साथ अच्छा खासा रिटर्न मिलता है।व

हीं एक से ज्यादा की एसआईपी पर ध्यान देना है। एक फंड में निवेश करने से जोखिम ज्यादा रहता है। आपको तारीख, इक्विटी और दूसरी संपत्ति में निवेश करना चाहिए।

एसआईपी करते समय एक्सपेंस रेशियो जरुर चेक करना चाहिए। अगर एक्सपेंस रेशियों ज्यादा है तो आपका रिटर्न कम हो सकता है। एंट्री और एग्जिट के साथ में एक्स्ट्रा शुल्क देने के बारे में ध्यान दें।

Share this story