बड़ी खुशखबरी! EPFO ने PF कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना में बदलाव किए, जानिए क्या हुए बदलाव
अगर आप पीएफ कर्मचारी हैं तो बुढ़ापा संवर जाएगा, क्योंकि ईपीएफओ की तरफ से अब ऐसी योजना शुरू की गई जिसके तहत हर महीना पेंशन दी जाती है। ईपीएफ की तरफ से शुरू की गई स्कीम का नाम ईपीएस है, जिससे हर महीना पेंशन का लाभ आराम से मिल जाता है।
ईपीएस स्कीम लोगों का दिल जीत रही है। अगर आपका जॉब करते हुए सैलरी का एक हिस्सा ईपीएफ अकाउंट में जाता है तो फिर मंथली पेंशन का लाभ मिल जाएगा, जिसके लिए कुछ जरूरी शर्तों को जानना होगा।
पेंशन पाने के लिए कम से कम आपने 10 साल किसी संस्था में काम किया हो। सरकार की इस योजना की वाह वाही हो रही है। अगर आपको नहीं पता तो इसकी जरूरी बातें आप नीचे जान सकते हैं जिससे किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।
फटाफट जानें ईपीएस योजना क्या ?
पीएफ खाताधारकों के लिए अब कई तरह की स्कीम चलाने का काम किया जा रहा है। कर्मचारी पेंशन पेंशन स्कीम यानी ईपीएस किसी वरदान की तरह बनी हुई है। यह योजना संगठित क्षेत्र में काम कर चुके रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए है।
इसके लिए 58 साल की उम्र में रिटायर हो चुके हैं। इपीएस योजना का फायदा उसी शख्स को मिलेगा, जिसने मिनिमम दस वर्ष नौकरी की हो। EPS को वर्ष 1995 में लॉन्च किया गया था।
इस योजना में मौजूदा और नए ईपीएफ सदस्य शामिल होंगे। अगर नियोक्ता/ कंपनी और कर्मचारी दोनों ही वेतन में से 12 फीसदी का योगदान करते हैं।
कर्मचारी का पूरा हिस्सा EPF में और नियोक्ता/ कंपनी के शेयर का 8.33% कर्मचारी पेंशन स्कीम में और 3.67% हर महीने EPF में ट्रांसफर किया जाता है।
कर्मचारी की मंथली सैलरी 15,000 रुपये है, तो 28 दिनों के लिए उस व्यक्ति का वेतन 14,000 रुयपे हो जाएगा। हालांकि, EPS के लिए माना जाने वाली मंथली सैलरी 30 दिनों के लिए, यानी कि 15,000 रुपये है।
पेंशन स्कीम की जरूरी शर्तें
पेंशन प्राप्त करने के लिए आप सबसे पहले तो ईपीएफओ के सदस्य होने जरूरी है।
इसके अलावा कर्मचारियों ने न्यूनतम 10 वर्ष तक नौकरी की हो।
फिर आप 58 साल की आयु होना जरूरी है।
50 वर्ष की उम्र होने पर आप ईपीएस से पैसे निकालने का काम शुरू कर सकते हैं।
इसमें आप दो साल के लिए अपनी पेंशन को रोक कर सकते हैं। इसक बाद सालाना 4% की अधिक दर से पेंशन मि जाएगी।