आरबीआई की नीतिगत बैठक के बाद ब्याज दरों में उछाल, इन 3 बैंकों ने बढ़ाई EMI

सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक ने फंड की सीमांत लागत आधारित ब्याज (एमसीएलआर) को 0.05 प्रतिशत बढ़ा दिया। यह वृद्धि सभी अवधि के कर्ज के लिए की गयी है। 
आरबीआई की नीतिगत बैठक के बाद ब्याज दरों में उछाल, इन 3 बैंकों ने बढ़ाई EMI

भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत (RBI Repo Rate Update) पर बरकरार रखने के एक दिन बाद कुछ बैंकों ने ब्याज दर में बदलाव किए हैं। इनमें केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूको बैंक शामिल हैं।

केनरा बैंक ने किया ये ऐलान

सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक ने फंड की सीमांत लागत आधारित ब्याज (एमसीएलआर) को 0.05 प्रतिशत बढ़ा दिया। यह वृद्धि सभी अवधि के कर्ज के लिए की गयी है। इससे ज्यादातर उपभोक्ता (Canara bank Interest rates) कर्ज महंगे हो जाएंगे।

केनरा बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि एक साल की अवधि वाली एमसीएलआर अब नौ प्रतिशत होगी। वर्तमान में यह 8.95 प्रतिशत है। इसका उपयोग वाहन और व्यक्तिगत जैसे ज्यादातर उपभोक्ता (RBI latest Interest rates Update) कर्ज पर ब्याज तय करने के लिए किया जाता है।

तीन साल के लिए एमसीएलआर 9.40 प्रतिशत होगी जबकि दो साल की अवधि के लिए एमसीएलआर (MCLR) को 0.05 प्रतिशत बढ़ाकर 9.30 प्रतिशत कर दिया गया है।

एक महीने, तीन महीने और छह महीने की अवधि (RBI repo rate Hike)  के लिए ब्याज 8.35-8.80 प्रतिशत के दायरे में होगा। नई दरें 12 अगस्त, 2024 से प्रभावी होंगी।

बैंक ऑफ बड़ौदा का तोहफा

इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा ने 12 अगस्त से कुछ अवधि के लिए एमसीएलआर में बदलाव किया (BOB Interest rates) है।

यूको बैंक की एसेट लायबिलिटी मैनेजमेंट कमेटी (ALCO) 10 अगस्त से प्रभावी कुछ अवधि के लिए उधार (UCO bank) दर में पांच आधार अंक (बीपीएस) की बढ़ोतरी करेगी।

आरबीआई ने लिया अहम फैसला

बीते गुरुवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मंगलवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति पर सतर्क (Shaktikant Das) रुख बरकरार रखते हुए रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है।

एमपीसी के छह सदस्यों में से चार ने नीतिगत दर को यथावत रखने के पक्ष में मतदान किया। बता दें कि एमपीसी ने बीते वर्ष (Bank Interest rates Hike) फरवरी में नीतिगत दर में संशोधन किया था और इसे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था।

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