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अगर CIBIL Score है खराब, तो सरकारी बैंकों में नहीं मिलेगी नौकरी

बैंकों ने कहा है कि जिन आवेदकों का क्रेडिट स्‍कोर 650 से नीचे है, उन्‍हें बैंक पीओ यानी प्रोबेशनरी ऑफिसर और क्‍लर्क पद के लिए योग्‍य नहीं माना जाएगा. 
अब CIBIL Score खराब होने पर लोन नहीं मिलने के अलावा एक और मुसीबत का करना पड़ेगा सामना
न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, नई दिल्ली

अभी तक क्रेडिट स्‍कोर की जरूरत लोन लेने या क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए हो रही थी. अब नौकरी पाने के लिए भी क्रेडिट स्‍कोर का बेहतर होना जरूरी है. अगर आपका क्रेडिट स्‍कोर अच्‍छा नहीं है तो एग्‍जाम पास करने पर भी सेलेक्‍शन नहीं हो रहा.

यह बात किसी प्राइवेट कंपनी की नहीं हो रही, बल्कि सरकारी बैंकों ने अपने आवेदकों को सिर्फ खराब क्रेडिट स्‍कोर की वजह से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया.दरअसल, बैंक जैसे वित्‍तीय संस्‍थानों का मानना है कि एक कर्मचारी तभी बेहतर फाइनेंशियल प्‍लानिंग कर सकता है, जब वह खुद इसका महत्‍व समझता होगा.

इसके लिए बैंकों ने बाकायदा मानक बनाने शुरू कर द‍िए हैं. अगर तय मानक से कम क्रेडिट स्‍कोर रहेगा बैंक ऐसे अभ्‍यर्थियों के आवेदन को सिरे से खारिज कर देंगे.

क्‍या है पूरा माजरा

जॉब पोर्टल टीमलीज के वाइस प्रेसिडेंट धृति प्रसन्‍न महंता का कहना है कि बैंकों के लिए चयन प्रक्रिया चलाने वाली संस्‍था इंस्‍टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्‍शन (IBPS) ने अपनी रिक्रूटमेंट पॉलिसी में बदलाव किया है. बैंकों को अब ऐसे अप्‍लीकेंट चाहिए जिनका क्रेडिट स्‍कोर एक मानक को पूरा करता हो.

कितना क्रेडिट स्‍कोर जरूरी

बैंकों ने कहा है कि जिन आवेदकों का क्रेडिट स्‍कोर 650 से नीचे है, उन्‍हें बैंक पीओ यानी प्रोबेशनरी ऑफिसर और क्‍लर्क पद के लिए योग्‍य नहीं माना जाएगा.

बैंकों का मानना है कि उनके पास काफी संवेदनशील फाइनेंशियल जानकारियां होती हैं और इसे हैंडल करने के लिए वित्‍तीय रूप से जिम्‍मेदार ट्रैक रिकॉर्ड वाले कर्मचारियों की जरूरत है.

विदेशी बैंकों ने भी कसी नकेल

डिजिटल लेंडिंग कंसल्‍टेंट पारिजात गर्ग ने कहा, न सिर्फ भारतीय बैंकों बल्कि मल्‍टीनेशनल कंपनियों ने भी अपने यहां हायरिंग में सिबिल स्‍कोर को देखना शुरू कर दिया है. सिटीबैंक, ड्यूश बैंक, टी-सिस्‍टम जैसे संस्‍थान भी नौकरी देने के लिए सिबिल स्‍कोर देख रहे हैं.

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