ध्यान रखें! ये गलतियाँ कर बैठे तो सीधा आएगा इनकम टैक्स का नोटिस
Income Tax : कानून के दायरे में रहकर हर टैक्सपेयर टैक्स बचाने की कोशिश कर सकता है। चाहे पुराना तरीका हो या नया, दोनों में ही टैक्स बचाने के कई ऑप्शन मिलते हैं। लेकिन टैक्स बचाने के लिए गलत तरीके अपनाने वालों की अब खैर नहीं है। बता दें कि कुछ लोग तो कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो इनकम टैक्स से बचने के लिए HRA Exemption हासिल करने की (Fake Rent Receipt) खातिर रेंट रिसीट (किराये की रसीद) लगाते हैं।
यदि इस बारे में विस्तार से बताए तो, कुछ लोग फर्जी रसीद बनाकर टैक्स रिटर्न भर देते हैं। उन्हें लगता है कि वो इनकम टैक्स विभाग को चकमा दे सकते हैं। लेकिन AI के जमाने में, इनकम टैक्स विभाग के पास ऐसे फर्जी तरीकों को पकड़ने के लिए बहुत ही बढ़िया तकनीकें मौजूद हैं।
दरअसल, बता दें कि इन नियमों के तहत किराये की रसीद लगाने पर भी टैक्स पे में छुट मिल जाती हैं। जिसके (Saving tax) चलते कुछ लोग इस नियम का इस्तेमाल गलत तरीके से करते हैं और टैक्सपेयर्स किराये के (HRA Exemption) मकान की फर्जी रसीद लगाते हैं। लेकिन आपको इस मामले में अलर्ट रहना चाहिए कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी ऐसे लोगों पर नजर रखता है और कार्रवाई भी कर सकता है।
एआई टूल की मदद
अगर कोई भी व्यक्ति इनकम टैक्स विभाग में फर्जी रसीद लगाकर टैक्स में छुट पाने की कोशिश करते हैं तो इसके लिए आयकर विभाग के पास एआई, यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल की सुविधा (income tax Exemption) होती हैं जिसके चलते टैक्स की चोरी करने वालों को आसानी से पकडा जा सकता हैं। बता दें कि इस मामले में फॉर्म में दिए हुए डिटेल पैन कार्ड से जुड़े ट्रांजेक्शन को मिलाया जाता है।
इसी के चलते बता दें कि इनकम विभाग के नियमों के अनुसार एक लाख रुपये से ज्यादा रेंट की रसीद लगाएंगे (AI fraud detection) तो इनकम टैक्स विभाग मकान मालिक का पैन कार्ड नंबर भी मांगेगा। इसके बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ITR filing) की मदद से मिलान किया जाएगा कि जो क्लेम किरायेदार ने रसीद लगाकर किया है, वह क्लेम अमाउंट ओनर के पैन कार्ड पर भी शो हो रहा है या नहीं।
इनकम टैक्स की चोरी मिलेगी ये सजा
जो लोग इनकम टैक्स की चोरी करते हुए पाए गए या फिर टैक्स बचाने के लिए कोई हेरा-फेरी करते हुए पाए गए जैसे कि जब मकान मालिक और किरायेदार दोनों के दस्तावेजों से स्पष्ट हो जाएगा कि (IT Department) किरायेदार जितना क्लेम कर रहा है वह रसीदें झुठी हैं तो इस मामले पर आयकर विभाग एक्शन ले सकता हैं। जिसके तहत फर्जी रेंट की रसीद लगाने वालों को नोटिस दिया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में सबसे जरूरी भूमिका होगी फॉर्म 26AS और AIS की।