नई एथेनॉल इकाइयों की स्थापना से देश में 41 हजार करोड़ रुपये का होगा निवेश

नई एथेनॉल इकाइयों की स्थापना से देश में 41 हजार करोड़ रुपये का होगा निवेश


कानपुर, 10 मई (हि.स.)। भारत के चीनी एवं सम्बद्ध उद्योगों में हो रहे विस्तार एवं आधुनिकीकरण के कारण रोजगार के नये अवसर उत्पन्न हुये हैं। देश में भारत सरकार की प्रोत्साहन नीतियों के कारण नई एथेनॉल इकाइयों की स्थापना में जहां तेजी आई है, वहीं स्थापित एथेनॉल इकाइयों की क्षमता में भी विस्तार किया जा रहा है। ताकि वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत की ब्लेन्डिंग के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। नई एथेनॉल इकाइयों की स्थापना में लगभग 41 हजार करोड़ रुपये का निवेश आगामी कुछ वर्षों में सम्भावित है।

यह बातें मंगलवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के निदेशक डाॅ. नरेन्द्र मोहन ने कही। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार गन्ने के रस अथवा सीरप से एथेनॉल बनाने की प्रक्रिया अपनाये जाने के कारण चीनी मिलों द्वारा अपनी पेराई क्षमता में विस्तारीकरण किया जा रहा है। चीनी उद्योग में एक मूलभूत परिवर्तन चीनी की गुणवत्ता को लेकर भी है। जहां पारम्परिक सल्फीटेशन प्रक्रिया से बनी सफेद चीनी के स्थान पर रॉ एवं रिफाइन्ड शुगर का उत्पादन बाजार की मांग के अनुसार करने के लिए प्रक्रिया में परिवर्तन किया जा रहा है। इसके साथ ही चीनी मिलें एवं डिस्टिलरीज़ प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण के प्रति अधिक संजीदा एवं सजग हैं एवं उनके द्वारा राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के मार्गदर्शन में अपनी जल शोधन इकाइयों का आधुनिकीकरण करने के साथ ही पर्यावरण-सेल की स्थापना की जा रही है।

संस्थान के प्रोफेसर शर्करा अभियांत्रिकी एवं प्लेसमेन्ट ऑफिसर डी. स्वेन ने बताया कि कैम्पस प्लेसमेन्ट के लिए साक्षात्कार जो माह अगस्त से आयोजित किये जाते थे उनको अभी से करने का दवाब उद्योग का है। देश की कई कम्पनियों, शुगर टेक्नोलॉजी, शुगर इन्जीनियरिंग, एल्कोहॉल टेक्नोलॉजी, पर्यावरण विज्ञान, इन्डस्ट्रियल इन्सट्रुमेन्टेशन एवं अन्य पाठ्यक्रमों के छात्रों के साक्षात्कार करने के लिए संस्थान से सम्पर्क में हैं। इसके देखते हुए संस्थान के निदेशक नरेन्द्र मोहन ने बताया कि हम मेसर्स वेव इंडस्ट्रीज द्वारा 24 मई 2022 से पर्यावरण विज्ञान एवं इन्डस्ट्रियल इन्सट्रुमेन्टेशन के छात्रों के लिए प्लेसमेन्ट ड्राइव का आयोजन कर रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय

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