Haryana News : किसान आंदोलन में दरार? 'दिल्ली चलो' से नाता तोड़, अलग रास्ता अपनाएगा ये संगठन

Farmer Protest: संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान कर रहे हैं. 
Haryana News : किसान आंदोलन में दरार? 'दिल्ली चलो' से नाता तोड़, अलग रास्ता अपनाएगा ये संगठन
न्यूज डेस्क, आरएनएस, चंडीगढ़ (हरियाणा)

Haryana News : किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मंगलवार को कहा कि किसानों के ‘दिल्ली चलो’ के आह्वान के मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के साथ कई बैठकें हुईं लेकिन वह राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च निकालने के पक्ष में नहीं है.

पंधेर ने मीडिया में एसकेएम के इन दावों पर प्रतिक्रिया दी कि ‘दिल्ली चलो’ के बारे में फैसला करने के लिए ना तो उसे आमंत्रित किया गया और ना ही उससे सलाह मशविरा किया गया.

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान कर रहे हैं.

एसकेएम ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का हिस्सा नहीं है लेकिन अपना समर्थन दे रहा है. एसकेएम ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों (अब समाप्त हो चुके) के खिलाफ 2020-21 में किसानों के आंदोलन की अगुवाई की थी.

हमारा ‘दिल्‍ली चलो’ से कोई लेनादेना नहीं 

केएमएम नेता पंधेर ने संभू सीमा पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि एसकेएम और उसके सहयोगियों के साथ दिल्ली तक मार्च के मुद्दे पर 13 बैठकें हुईं. उन्होंने कहा, ‘‘जब हमें लगा कि उनका रुख साफ नहीं है तो हमने अन्य राज्यों में बातचीत की और कई संगठनों ने हमारा समर्थन किया.’’

पंधेर ने कहा कि एसकेएम ने पिछले साल 10 अक्टूबर को अपने बयान में कहा था कि उनका ‘दिल्ली चलो’ से कोई लेनादेना नहीं है.

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