बीटिंग रिट्रीट समारोह : वाघा-अटारी बॉर्डर पर BSF जवान और पाकिस्तानी रेंजर्स हुए आमने-सामने, देखिये वीडियो
इस समारोह को देखने के लिए हजारों लोग पहुंचे हैं। इस समारोह के दौरान हमारे देश के जवानों का जोश देखते बन रहा था। भारत माता के जयकारे से पूरा बॉर्डर गूंज उठा।
इस दौरान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान अपने शौर्य का शानदार प्रदर्शन करते दिखे। इस समारोह के दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। स्कूली बच्चों के साथ कई कलाकारों ने भी अपना जलवा दिखाया। इस समारोह को देखने विदेश से भी लोग आते हैं।
नीचे देखें वीडियो...
#WATCH | The beating retreat ceremony underway at the Attari-Wagah border in Punjab's Amritsar on the occasion of #IndependenceDay pic.twitter.com/JufrsoqMOh
— ANI (@ANI) August 15, 2023
कब से शुरू हुआ था रिट्रीट सेरेमनी का चलन?
आपको बता दें कि पंजाब के अमृतसर में अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। भारत की ओर से अटारी और पाकिस्तान की ओर से वाघा के नाम से जाना जाता है। साल 1959 से दोनों देशों के सुरक्षाबलों के बीच शुरू हुए संयुक्त कार्यक्रम ने एक परंपरा का रूप ले लिया है।
प्रतिदिन 35 मिनट तक चलने वाली रिट्रीट सेरेमनी खास मौकों जैसे स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर एक या दो घंटे की हो जाती है। इस दौरान अपने देश का शौर्य देखकर हैरान हो जाते हैं।
कैसे होती है बीटिंग रिट्रीट
बीटिंग रिट्रीट के दौरान दोनों तरफ के जवान तेजी से बॉर्डर की तरफ बढ़ते हैं और लेग्स-अप करते हुए गेट तक पहुंचते हैं। लाल टोपी और खाकी वर्दी भारतीय जवान पहनते हैं, जबकि काले रंग की पोशाक में पाकिस्तानी जवान रहते हैं।
इसके बाद दोनों देशों के दरवाजे खुलते हैं और भारतीय सैनिक काफी जोश से अपनी मूंछें ऐंठते हैं और अपने बाइसेप्स को दिखाते हैं। इस दौरान कुछ फीट की दूरी पर पाकिस्तान के जवान खड़े रहते हैं। वहीं, झंडे उतारने और हाथ मिलाने के साथ बीटिंग रिट्रीट समाप्त हो जाती है। झंडों को तह कर लिया जाता है और भारत-पाकिस्तान अपनी अपनी सीमा में लगे लोहे के बड़े-बड़े दरवाजों को बंद कर दिया जाता है।