मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों पर पंजाब में पहली बार धोखाधड़ी पीड़ितों को वापिस मिले पैसे

डी.जी.पी. गौरव यादव ने कहा कि हेल्पलाइन 1930 या सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम पर तुरंत शिकायत दर्ज होने के बाद साइबर अपराध धोखाधड़ी पीड़ितों का पैसा आरोपियों/संदिग्धों के खातों में फ्रीज कर दिए जाते हैं। 
पंजाब में पहली बार, साइबर क्राइम के वित्तीय धोखाधड़ी पीड़ितों के खातो में फ्रीज मनी आई वापिस
न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, चंडीगढ़ (पंजाब)

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों पर राज्य के साइबर अपराध वित्तीय धोखाधड़ी के पीड़ितों की शिकायतों के निपटारे के मद्देनजर नया और पहला कदम उठाते हुए पंजाब पुलिस के साइबर क्राइम सैल द्वारा पंजाब राज कानूनी सेवाओं से तालमेल से संबंधित बैंकों से पीड़ितों के खातों में 28.5 लाख रुपये की फ्रीज रकम सफलतापूर्वक वापिस कर दी है।

यह जानकारी पुलिस के डायरैक्टर जनरल गौरव यादव ने आज दी। गौरतलब है कि  साइबर क्राइम सेल, पंजाब द्वारा वर्ष 2021 से साइबर हेल्पलाइन 1930 की सुविधा लागू की गई थी तांकि नागरिकों को वित्तीय नुकसान से बचाया जा सके जो साइबर क्राइम वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं।

डी.जी.पी.  गौरव यादव ने कहा कि हेल्पलाइन 1930 या सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम पर तुरंत शिकायत दर्ज होने के बाद साइबर अपराध धोखाधड़ी पीड़ितों का पैसा आरोपियों/संदिग्धों के खातों में फ्रीज कर दिए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि अब तक पंजाब में हेल्पलाइन 1930 पर वित्तीय धोखाधड़ी की 28642 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिसमें तेजी से कार्रवाई करते हुए साइबर सेल ने अब तक लगभग 15.5 करोड़ रुपये की राशि को फ्रीज किया है जो कि बैकों में पड़ी है।

डी.जी.पी. ने तहा कि फ्रीज की रकम की वापसी की प्रक्रिया को सही बनाने के लिए साइबर क्राइम सेल ने लोग अदालतों के जरिए सी.आर.पी.सी. की धारा 457 के अंतर्गत पीड़ित खातों में रिफंड की सुविधा के लिए राज्य कानूनी सेवा अथॉरिटी से संपर्क किया है।        

उन्होंने कहा कि ए.डी.जी.पी. साइबर क्राइम ने 5 दिसंबर 2023 को पंजाब कानूनी सेवा अथॉरिटी के कार्यकारी चेयरमैन माननीय न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया के साथ मीटिंगे कर पंजाब के सारे जिला कानूनी सेवा अथॉरिटियों को पैसे रिफंड करने संबंधी अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के बारे में आवश्यक निर्देश जारी करवाए।

इस संबंध में और जानकारी देते हुए ए.डी.जी.पी. नीरजा ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में, लुधियाना कमिश्नरेट पुलिस ने 9 दिसंबर, 2023 को लोक अदालत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लुधियाना की अदालत में रिफंड के लिए 1930 हेल्पलाइन पर रिपोर्ट की और  36  केसों की अवेदन जमा करवाए थे।

इनमें 33 आवेदनों को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और संबंधित बैंकों से पीड़ितों के खातों में कुल 28.5 लाख रुपये की राशि जारी करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा, 'लुधियाना में लगभग  6 लाख और मोहाली से 11 मामलों से संबंधित 15 लाख की फ्रीज की रकम की वापसी के लिए अन्य आवेदन विचाराधीन है।

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से पंजाब में साइबर क्राइम वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार व्यक्तियों को पैसे वापिस लेने में मदद मिलेगी। ए.डी.जी.पी. ने कहा कि अन्य जिलों ने भी यह प्रक्रिया शुरू कर दी है और पायलट प्रोजेक्ट तर्ज पर फ्रीज हुए रकम को जारी करने के लिए आवेदन विचाराधीन हैं और जल्द ही उन पर कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि 'राष्ट्रीय हेल्पलाइन 1930 और रिपोर्टिंग प्लेटफार्म' साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार नागरिकों को वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए गृह मंत्रालय की एक परियोजना है।

'हेल्पलाइन 1930' 24*7 साइबर अपराध धोखाधड़ी कॉल प्राप्त कर रही है और बैंकों द्वारा आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) को रिपोर्ट कर रही है।

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