जेलों में कैदियों की अप्राकृतिक मृत्यु और बदतर स्वास्थ्य सुविधाएं पर हाईकोर्ट गंभीर, मांगी स्टेटस रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की। अब हाईकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को इस बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
जेलों में कैदियों की अप्राकृतिक मृत्यु और बदतर स्वास्थ्य सुविधाएं पर हाईकोर्ट गंभीर, मांगी स्टेटस रिपोर्ट
न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, चंडीगढ़ (पंजाब)

जेलों में कैदियों की अप्राकृतिक मृत्यु, वहां बदतर स्वास्थ्य सुविधाएं और अन्य बदहालियों पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अब पंजाब और हरियाणा सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 16 जनवरी तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में कैदियों की बदहाल स्थिति के मामले में दायर एक याचिका का निपटारा करते हुए देश के सभी हाईकोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सभी हाईकोर्ट उनके क्षेत्राधिकार में आने वाली जेलों में सुधार के लिए सुनवाई करें।

कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा था कि जेलों में कई कैदियों की अप्राकृतिक मृत्यु के मामले सामने आ रहे हैं। जेलों में हालात ऐसे हैं कि कई कैदी इससे परेशान होकर आत्महत्या तक कर रहे हैं, लिहाजा इनके परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उन्होंने महसूस किया है कि जेलों में कैदियों को निम्न स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं, जबकि स्वास्थ्य सुविधाएं प्रत्येक का अधिकार है। जेलों का माहौल सुधारने की जरूरत है।

सिर्फ जेल का नाम बदल कर इसे सुधार गृह कर देने से कुछ भी नहीं बदलेगा, बल्कि जेलों में सुधार भी नजर आना जरूरी है। 

शिमला और दिल्ली में ओपन जेल का कॉन्सेप्ट काफी हद तक सफल रहा है, लिहाजा इस दिशा में काम किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी।

अब हाईकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को इस बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।

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