18 साल पुराने मामले में बरी हुए जगतार सिंह हवारा, पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के थे दोषी

पुलिस का आरोप था कि हवारा व उसके साथी खालिस्तान बनाने और देश में आतंक फैलाने का काम कर रहे थे। पुलिस को इनसे एक पिस्टल, पांच कारतूस और 450 ग्राम आरडीएक्स मिला था। बता दें कि इस मामले में हवारा के अलावा परमजीत सिंह उर्फ सुखा और कमलजीत सिंह उर्फ मान भी आरोपी थे।
18 साल पुराने मामले में बरी हुए जगतार सिंह हवारा, पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के थे दोषी 
न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, चंडीगढ़ (पंजाब) 

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे जगतार सिंह हवारा को जिला अदालत ने 18 साल पहले दर्ज एक केस में बरी कर दिया। पुलिस ने साल 2005 में हवारा के खिलाफ देश के खिलाफ षड्यंत्र रचने, सेना बनाने व हथियार इकट्ठा करने के आरोप में मामला दर्ज किया था। अब इस केस में उसे बरी कर दिया गया है।

सेक्टर-36 थाना पुलिस ने 16 जुलाई 2005 को आईपीसी की धारा 121, 121ए, 123, 153, 120बी, आर्म्स एक्ट व एक्स्पलोसिव एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया था, लेकिन पुलिस हवारा पर लगे आरोपों को अदालत में साबित नहीं कर पाई।

मामले में हवारा के वकील अमर सिंह चहल ने बताया कि मामले में गवाह ने जगतार सिंह हवारा को पहचानने से इन्कार कर दिया। चहल की ओर से दलील दी गई कि इस मामले में मुख्य आरोपियों को सजा हो चुकी है, जबकि हवारा का इस वारदात से कोई ताल्लुक नहीं था।

वहीं, पुलिस का आरोप था कि हवारा व उसके साथी खालिस्तान बनाने और देश में आतंक फैलाने का काम कर रहे थे। पुलिस को इनसे एक पिस्टल, पांच कारतूस और 450 ग्राम आरडीएक्स मिला था। बता दें कि इस मामले में हवारा के अलावा परमजीत सिंह उर्फ सुखा और कमलजीत सिंह उर्फ मान भी आरोपी थे।

इन्हें अदालत ने दोषी करार देते हुए सात साल कैद की सजा सुनाई थी जबकि हवारा के खिलाफ कई साल तक केस का ट्रायल ही नहीं चल सका था।

दिल्ली की मंडोली जेल में बंद है हवारा

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्या के मामले में जगतार सिंह हवारा इस समय दिल्ली की मंडोली जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। सुरक्षा बंदोबस्त के चलते उसकी इस मामले में लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी चल रही थी।

इससे पहले हवारा और उसके अन्य साथियों ने 1995 में पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को बम से उड़ा दिया था। हवारा के साथ उस केस में परमजीत सिंह भ्यौरा, बलवंत सिंह राजोआणा और जगतार सिंह तारा व कई अन्य भी आरोपी थे जिन्हें उम्रकैद की सजा हो गई थी। हवारा अपने साथियों के साथ 2004 में बुड़ैल जेल में सुरंग खोदकर फरार हो गया था।

हालांकि पुलिस ने बाद में उसे व उसके कई साथियों को पकड़ लिया था। हवारा के खिलाफ 2005 में ही सेक्टर-17 पुलिस थाने में भी देशद्रोह एक केस दर्ज हुआ था। उस केस का भी ट्रायल अभी चल रहा है, जिसमें 30 दिसंबर को सुनवाई होगी। उस केस में भी जल्द फैसला आ सकता है।

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