पंजाब: सीएम मान ने सावित्रीबाई फुले की जयंती पर अर्पित की श्रद्धांजलि

बता दें कि सावित्री बाई फुले महाराष्ट्र में शिक्षा के प्रति अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उनका जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक छोटे से गांव नयागांव में 3 जनवरी 1831 को हुआ था।
पंजाब: सीएम मान ने सावित्रीबाई फुले की जयंती पर अर्पित की श्रद्धांजलि
न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, चंडीगढ़ (पंजाब)

महान समाज सेविका सावित्रीबाई फुले की जयंती के मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महान समाज सुधारक और भारत में महिला शिक्षा की अग्रदूत सावित्रीबाई फुले को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। उनके अग्रणी प्रयासों ने एक अधिक समावेशी और प्रबुद्ध समाज की नींव रखी।

बता दें कि सावित्री बाई फुले महाराष्ट्र में शिक्षा के प्रति अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उनका जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक छोटे से गांव नयागांव में 3 जनवरी 1831 को हुआ था। उनका जन्म दलित परिवार में हुआ था।

उन्हें भारत की पहली शिक्षिका होने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे समय कदम रखा जब महिलाओं का स्कूल जाना तो दूर घर से बाहर निकलना बड़ी बात थी।

सावित्रीबाई ना सिर्फ एक समाज सुधारक थीं बल्कि एक दार्शनिक कवियत्री भी थीं। उनकी कविताओं ने लोगों पर खास प्रभाव छोड़ा था। वह एक दार्शनिक भी थीं। जिस वक्त देश में जाति प्रथा अपने चरम पर थी, उन्होंने उस वक्त अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दिया था।

महज 9 साल की उम्र में सावित्री बाई को विवाह 13 वर्ष के ज्योतिराव फुले से हो गया था। जिस वक्त उनी शादी हुई थी वह अशिक्षित थीं। लेकिन पढ़ाई को लेकर उनकी लगन को देखते हुए ज्योतिराव फुले ने उनकी हर संभव मदद की।

खुद ज्योतिराव उस वक्त कक्षा 3 में थे, उन्होंने समाज की परवाह किए बगैर सावित्रीबाई को शिक्षा हासिल करने में मदद की। अहमदनगर से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने टीचर ट्रेनिंग ली और शिक्षिका बनीं। पुणे में लड़कियों के लिए स्कूल खोला।

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