Punjab News : सरहदी गांवों पर होगी अब तीसरी आंख की नज़र, 20 करोड़ रुपये की राशि हुई मंजूर

पंजाब पुलिस अब सीमावर्ती इलाकों के गांवों में कड़ी नजर रखने वाली है. सीमावर्ती इलाकों से जुड़े प्रोजेक्ट्स के लिए 20 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है.
Punjab News : सरहदी गांवों पर होगी अब तीसरी आंख की नज़र, 20 करोड़ रुपये की राशि हुई मंजूर
न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, चंडीगढ़ (पंजाब)

पंजाब के लोगों के लिए खुश कर देने वाली खबर है। आपको बता दें कि पंजाब के लोगों की सुरक्षा के लिए अब सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। पंजाब पुलिस (Punjab Police) अब सरहदी एरिया के साथ ही साथ गांवों में भी खुद का नेटवर्क मजबूत करने में लग गई है।

नशा तस्करों व अपराधी किस्म के लोगों पर एक्शन लेने के लिए गांवों में सीसीटीवी कैमरे (CCTV Cameras) लगाने की कवायद शुरू हो गई है। इस काम के पहले चरण में फिरोजपुर, तरनतारन और अमृतसर के गांवों में 575 स्थानों पर कैमरे लगाए जाने हैं। हालांकि विलेज डिफेंस कमेटियां पहले से ही काम कर रही हैं।

इस वजह से बनाना पड़ा प्रोजेक्ट

पंजाब के 6 जिले सीधे पाकिस्तान (Pakistan) से लगते हैं। पंजाब का करीब 560 किलोमीटर लंबा हिस्सा पाकिस्तान के बार्डर से लगता है है। बीते समय में इन एरिया ड्रग तस्करी से लेकर आपराधिक वारदातें काफी ज्यादा हो गई हैं। दिसंबर 2022 में तरनतारन के सरहाली थाने पर तो आतंकी हमला तक हुआ था। इन सब चीज ने पुलिस को सोचने पर विवश किया था।

वहीं, सरहद पार से आने वाले ड्रोन भी पुलिस के लिए एक चुनौती बने हुए हैं। ऐसे में काफी समय से इसको लेकर योजना बनाया जा रहा था। जिसके बाद इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाएा। सीमावर्ती एरिया से जुडे़ प्रोजेक्टों के लिए 20 करोड़ की राशि मंजूर है। पुलिस ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है।

चलती गाड़ी का नंबर पहचानने में सक्षम

पंजाब पुलिस द्वारा लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरे थोडे़ हटकर हैं। जिस तरह राज्य के बडे़ शहरों में हाईटेक कैमरे लगाए जा रहे हैं। उसी तर्ज पर यह प्रोजेक्ट आगे बढेगा। इन कैमरों फेस डिटेक्शन सॉफ्टवेयर एंड आटोमेटिक नंबर प्लेट रेकोगनेशन (ANPR) की सुविधा होगी। यह कैमरे चलती गाड़ी का नंबर नोट करने से लेकर गाड़ी सवार का चेहरा पहचानने में भी सक्षम होगा।

वहीं, पुलिस के पास कंट्रोल रूप में तुरंत इनका रिकॉर्ड जाएगा। इसके लिए इंटरनेट की भी व्यवस्था की जाएगी। इन सब के साथ ही पंजाब पुलिस द्वारा इसके लिए स्पेशल कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। वहीं, इसके लिए नोडल अफसर मौजूद रहेंगे। कैमरों की जो रिकॉर्डिंग पुलिस को संदिग्ध लगेगी, पुलिस द्वारा उसे तुरंत आगे टीमों में शेयर कर कार्रवाई की जाएगी।

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