बीबी जहरा और इमामों के रौजे तोड़ने के विरोध में शिया समुदाय ने निकाला जुलूस
वाराणसी, 10 मई (हि.स.)। शिया समुदाय ने बीबी जहरा और इमामों के रौजे तोड़ने के विरोध में मंगलवार को कालीमहल स्थित शिया मस्जिद से अलम उठाकर जुलूस निकाला। जुलूस नईसड़क, दालमंडी, चौक, नीचीबाग, मैदागिन, विश्वेश्वर गंज से होते हुए शिया जामा मस्जिद, दारानगर तक गया। इसके बाद मस्जिद में जलसे का आयोजन होगा। जुलूस में शामिल लोगों ने नौहा ओ मातम करते हुए रौजे तोड़ने के विरोध में मुर्दाबाद के नारे लगाए।
हाजी फरमान हैदर ने बताया कि वाराणसी के अंजुमन हैदरी से यह जुलूस बीते 99 सालों से उठती चली आ रही है। कोरोना काल में कोविड गाइड लाइन के पालन करते हुए पिछले दो वर्षों से ये जुलूस सड़क पर नहीं निकल सका था। उन्होंने बताया कि 99 साल पहले 8 शव्वाल 1343 हिजरी को मदीना मुनव्वरा में स्थित रसूल ए अकरम की एकलौती बेटी बीबी फ़ातिमा के रौज़े समेत चार शिया इमामों के रोज़े पर बुलडोज़र चला कर ज़मीदोज़ कर दिया गया था। इससे आहत शिया मुसलमान आज के दिन बीबी ज़हरा और इमामों के रौजे तोड़ने के विरोध में जुलूस निकालते हैं। शिया मुसलमानों को यह आघात ब्रिटेन सरकार के इशारे पर सऊदी सरकार ने दिया था। पूरी दुनिया के मुसलमानों ने उस समय सऊदी हुकूमत के इस कृत्य की निंदा की थी। उन्होंने बताया कि शिया समुदाय की मांग है कि सऊदी सरकार जल्द से जल्द बीबी फ़ातिमा के रौजे बनवाये।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर