सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर बोले CM मान, 'हरियाणा को देने के लिए मेरे पास पानी नहीं'

सुप्रीम कोर्ट की एसवाईएल नहर के निर्माण पर टिप्पणी के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का पहला बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि उनके पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है, इसलिए एसवाईएल नहर के निर्माण के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फेसबुक पर एक पुरानी प्रेस कॉन्फ्रेंस की क्लिप भी शेयर की है, जिसमें उन्होंने साफ कहा है कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है।
इसके साथ ही वे कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल पर भी निशाना साधा। सीएम भगवंत मान ने लिखा कि उनके पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है। जो लोग कहते हैं सर्वदलीय बैठक बुलाओ, उन्होंने ही ये सारे कांटे बोये हैं। पंजाब के पास पानी नहीं है, इसलिए एसवाईएल नहर के निर्माण के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता।
1 नवंबर 1966 को हरियाणा पंजाब से अलग हो गया, लेकिन उस समय जल बंटवारा नहीं हुआ था। कुछ साल बाद केंद्र ने हरियाणा को 3.5 एमएएफ पानी आवंटित किया। इस पानी को लाने के लिए एसवाईएल नहर बनाने का भी निर्णय लिया गया।
हरियाणा ने कई साल पहले नहर का अपना हिस्सा पूरा कर लिया था, लेकिन पंजाब ने अभी तक अपने हिस्से का निर्माण नहीं किया है। यह मसला कई बार सुप्रीम कोर्ट में उठा और हर बार दोनों राज्यों से इस विवाद को जल्द सुलझाने को कहा गया।
वहीं, आप प्रवक्ता मलविंदर कंग ने भी अकाली दल और भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां पंजाब के लोगों को जानबूझ कर गुमराह कर रही है। कंग ने कहा कि एसवाईएल का मुद्दा पंजाब के लोगों की भावनाओं के साथ जुड़ा मुद्दा है। पंजाब सरकार एस.वाई.एल. नहीं बनने देगी और न ही पंजाब के पानी का एक भी अतिरिक्त बूंद दूसरे राज्य को देगी।