आँखों से स्मार्टफोन चलाने का सपना हुआ सच, यह कंपनी लाई 'आई-कंट्रोल' फीचर

साल 2007 में पहला iPhone लॉन्च होने के बाद स्मार्टफोन्स से कीपैड गायब हो गया और धीरे-धीरे टचस्क्रीन डिवाइसेज की चलन में आ गए।
आँखों से स्मार्टफोन चलाने का सपना हुआ सच, यह कंपनी लाई 'आई-कंट्रोल' फीचर
टेक डेस्क, दून हॉराइज़न, नई दिल्ली

अब इस दिशा में अगला कदम बढ़ाते हुए चाइनीज टेक कंपनी Honor ने नई AI टेक्नोलॉजी पेश की है, जो आंखों के इशारों से फोन चलाने का विकल्प देगी। यह टेक्नोलॉजी 'मैजिक कैप्सूल' नाम से पेश की गई है और यह आई-ट्रैकिंग पर आधारित होगी। 

ऑनर ने बताया है कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित आई-ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी के जरिए फोन समझ जाएगा कि आप स्क्रीन पर कहां देख रहे हैं। इसके अलावा किसी ऐप को ओपेन करने या कहीं टैप करने के लिए वहां पर कुछ वक्त तक देखना होगा।

कंपनी पहले ही वॉइस कमांड्स से लेकर हैंड जेश्चर्स को अपने फोन्स का हिस्सा बना चुकी है। हैंड जेश्चर्स के साथ बिना स्क्रीन को हाथ लगाए, केवल हाथ के इशारों से फोन कंट्रोल हो सकता है। 

ऐसे काम करेगी आई-ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी

नई मैजिक कैप्सूल टेक्नोलॉजी डिवाइस के सेल्फी कैमरा का इस्तेमाल करते हुए यूजर की आंखों का मूवमेंट ट्रैक करेगी और पता लगाएगी कि वह स्क्रीन पर कहां देख रहा है। इस तरह आसानी से समझा जा सकेगा कि यूजर को कौन सी ऐप ओपेन करनी है या फिर वह किस सेटिंग में बदलाव करना चाहता है। यूजर्स को एक प्रक्रिया से गुजरते हुए आई-मूवमेंट सेट करना होगा, जिससे हर बार स्क्रीन देखने पर फोन उसे किस कमांड की तरह स्वीकार ना करे। 

आंखों के जरिए कंट्रोल होंगे ढेरों फीचर्स

टेक ब्रैंड का दावा है कि फोन की स्क्रीन को 20 से 50 सेंटीमीटर की दूरी से यूजर कहां पर देख रहा है, इसका पता मैजिक कैप्सूल आसानी से लगा लेगा। इसके अलावा किसी ऐप या होम-स्क्रीन को ओपेन करने के लिए उसे करीब 1.8 सेकेंड तक देखना होगा।

यूजर्स को इस टेक की मदद से कॉल्स रिसीव करने से लेकर कोई टेक्स्ट मेसेज ओपेन करने या फिर टाइमर बंद करने जैसे विकल्प भी मिलेंगे। इसका फायदा उस वक्त भी मिलेगा, जब यूजर किसी वजह से हाथ इस्तेमाल नहीं कर सकता। 

एक्सपर्ट्स की इस टेक्नोलॉजी को लेकर मिली-जुली राय है और कुछ का मानना है कि AI के चलते इसे स्मार्टफोन का हिस्सा बनाना आसान होगा। वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स प्राइवेसी को महत्व देते हुए दावा कर रहे हैं कि इसकी मदद से फोन इस्तेमाल करने की स्थिति में यूजर हर वक्त निगरानी में रहेगा और उसके चेहरे का डाटा चोरी हो सकता है। फिलहाल आने वाले दिनों में यह टेक प्रीमियम स्मार्टफोन्स का हिस्सा बन सकता है।

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